प्रयागराज: सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वाले अधिवक्ता का पंजीकरण निरस्त
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प्रयागराज, अमृत विचार। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने एक अधिवक्ता द्वारा सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के कारण तत्काल प्रभाव से उसका पंजीकरण रद्द कर दिया है। बार काउंसिल ने माना कि इस प्रकार की टिप्पणी से समाज में वैमनस्यता फैलती है और एक अधिवक्ता द्वारा इस प्रकार के संदेश प्रसारित करने से अधिवक्ताओं की छवि भी समाज में धूमिल होती है।
मौजूदा प्रकरण जातीय वैमनस्यता से संबंधित है और अगर ऐसे मामले में कार्यवाही नहीं की जाती है तो भविष्य में माहौल और खराब होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतः सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज पर अभद्र और घृणित टिप्पणी करने वाले अधिवक्ता मुकेश सैनी के खिलाफ दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन, अलीगढ़ द्वारा भेजे गए पत्र व उसके साथ संलग्न प्रपत्रों पर विचार करने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए बार काउंसिल ने अधिवक्ता का पंजीकरण रद्द कर मामले को अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 35 के तहत कार्यवाही के लिए सदन में अग्रसारित कर दिया। उक्त जानकारी राज्य विधिज्ञ परिषद, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने साझा की।
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