हमीरपुर में पूरे परिवार का अपहरण कर चलती कार में महिला की हत्या...पुलिस ने किया खुलासा: भाई निकला कातिल, 10 लाख की सुपारी देकर रची थी साजिश
महिला की हत्या कर शव फेंकने के मामले में साजिश करने वाला उसी का भाई निकला
हमीरपुर, अमृत विचार। जरिया थानाक्षेत्र में चलती कार में कानपुर निवासी परिवार का अपहरण कर महिला की हत्या करने के मामले का बुधवार को एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा ने खुलासा किया है। इस हत्याकांड की साजिश मृतका के सगे भाई ने ही रची और पूरे परिवार को मरवाने की कोशिश की थी। पुलिस ने मृतका के भाई को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।
प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा ने बताया कि 22 सितंबर को कानपुर के गुजैनी में किराए के मकान में जूते की फैक्ट्री में काम करने वाले सूरज सिंह के परिवार को चित्रकूट दर्शन कराने के बहाने लेकर जा रहे मुंह बोले चाचा त्रिभुवन व उसके साथियों ने चलती कार में अपहरण कर महिला की हत्या कर शव फेंकने के मामले में लगी थाना जरिया पुलिस व एसओजी टीम के संयुक्त प्रयास के बाद बुधवार को घटना की साजिश को रचने वाले आरोपी व घटना में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है।
बताया मृतका मीनू ऊर्फ अमन द्वारा दूसरी शादी कर लेने से नाराज भाई ने दस लाख रुपये की सुपारी देकर उसके पूरे परिवार की हत्या करवाने की साजिश रची थी। जरिया पुलिस ने गोहांड से आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में आरोपियों ने उगला राज
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में बताया कि सूरज की बहन विमला का विवाह धर्मेंद्र के साथ 2007 में हुआ था, तभी से सूरज का आना जाना धर्मेंद्र के परिवार में हो गया। धर्मेंद्र की छोटी बहन मीनू उर्फ अमन यादव से सम्पर्क हुआ और आपसी मेल जोल बढ़ते बढ़ते प्रेम के रूप मे तब्दील हो गया। बताया कि उस समय तक मीनू का विवाह कानपुर देहात के कथरी गांव निवासी लल्लू सिंह के साथ वर्ष 2002 मे हो गया था।
बताया मीनू उर्फ अमन के पति जालौन में सपरिवार रहते थे। प्रेस प्रसंग का परिणाम आखिर यह निकला कि सूरज और मीनू दोनों उरई से गुजरात चले गए और अपने परिवारों से छिप कर अपना जीवन यापन करने लगे। इस घटना क्रम से मृतका का भाई धर्मेंद्र और उसके परिवार वाले काफी नाराज थे।
जहां धर्मेंद्र स्वंय सूरज का बहनोई था वहां अब सूरज धर्मेद्र का बहनोई बन चुका था। जिसके चलते धर्मेंद्र ने बहन मीनू उर्फ अमन की हत्या करने के लिए साजिश रची थी। साजिश के तहत इसी बीच इनकी मुलाकात चतुर सिंह से हुई। इस पर चतुर सिंह और वीर सिंह ने हत्या करने के लिए धर्मेंद्र से दस लाख रुपये बतौर सुपारी तय की थी।