प्रयागराज: अखाड़ा परिषद की बैठक दूसरे दिन भी जारी, लव जिहाद और गौ हत्या के खिलाफ पारित किया गया प्रस्ताव

कई विशेष मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रयागराज: अखाड़ा परिषद की बैठक दूसरे दिन भी जारी, लव जिहाद और गौ हत्या के खिलाफ पारित किया गया प्रस्ताव

प्रयागराज, अमृत विचार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की दारागंज स्थित पंचायती अखाड़ा की दूसरी बैठक निरंजनी अखाड़े में अध्यक्ष रविंद्र पूरी और महामंत्री हरि गिरी की अगुवाई में की गई। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में कई सर्व सहमति से कई प्रस्ताव पारित किए गए। प्रमुख रूप से लव जिहाद, संतों की सुरक्षा, गो हत्या पर प्रतिबंध और कुंभ मेला क्षेत्र को हरा भरा और स्वच्छ बनाने सहित सुरक्षा पर सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जाने पर चर्चा की गई। अखाड़े की बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी कुंभ में शाही और पेशवाई जैसे नाम में परिवर्तन किया जाएगा। 

दूसरे दिन बैठक में सांधु-संतों के निशाने पर जिले के अधिकारी रहे। अध्यक्ष रविंद्र पूरी ने कहा कि अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान को भी नहीं सुनते है। परिषद की बैठक में यह भी तय किया गया कि मुख्यमंत्री से अखाड़ा परिषद के बड़े संतों को भारत रत्न देने की मांग की जाएगी।

पेशवाई को लेकर महामंत्री हरि गिरी ने कहा कि आपसी सहमति से जल्द ही नया नाम जल्द ही सरकार सौपा जाएगा। संतो ने कहा कि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो सभी संत कुंभ मेले का बहिष्कार करने का बड़ा फैसला लेंगे। संतों ने कहा है कि अधिकारियों के खिलाफ सीएम से शिकायत भी किया जाएगा। 

मेले में फर्जी संतो के प्रवेश पर प्रतिबंध
बैठक में अखाड़ा परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि कुंभ मेले में फर्जी संतों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंध हो। इसके साथ पूर्ण बहिष्कार की भी घोषणा की गई। तेरह अखाड़े की संतों को सरकार की ओर से विशेष सुरक्षा की मांग करने की बात भी की है। अखाड़ा परिषद की ओर से सभी अखाड़ों से अनुरोध किया गया कि अपने संतों को आई कार्ड भी उपलब्ध कराएं जिससे सभी संतों की पहचान हो सके। 

अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी, भड़के संत
अखाड़ा परिषद की बैठक में संतों ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। साधु-संतों ने कहा कि सभी अखाड़ों को बराबर से बजट आवंटित किया जाए। बड़ा उदासीन, निर्मल अखाड़े के सामने सड़क खराब होने से छावनी में आने जाने वालों को दिक्क़ते हो रही है। मेला क्षेत्र में पानी होने के कारण पूरा कार्य रुका हुआ है। प्रदेश में संत सीएम होने के बाद भी अखाड़े की मांग पूरी नहीं हो पा रही है।  संतों ने कहा कि कुंभ मेले में मिलने वाली पूरी छावनी सरकार की तरफ से हो। संतों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। अधिकारी अखाड़े के संतों से मुलाकात नहीं कर रहे । ऐसे में संतो की समस्या से अधिकारी रूबरू नहीं हो पा रहे है।

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