नैनीताल: मसूरी नगर पालिका में मतदाता सूची में गड़बड़ी पर निर्णय ले राज्य चुनाव आयोग
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने मसूरी नगर पालिका में लोकसभा चुनाव के बाद अचानक मतदाताओं की संख्या बढ़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा है कि राज्य चुनाव आयोग याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें।
मसूरी निवासी अनुराग थपलियाल ने याचिका दायर कर कहा कि पूर्व में उच्च न्यायलय के आदेश के पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने नगर पालिका के 13 वार्डों की मतदाता सूची का सत्यापन किया था, जिसमें 1375 मतदाता अवैध फर्जी मिले थे और उन्हें मतदाता सूची से हटाने के निर्देश दिए गए थे।
सूची में कई मतदाता ऐसे पाए गए जिनका मसूरी नगर पालिका से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। यह वे मतदाता है जो मसूरी के आसपास के ग्राम पंचायतों के रहने वाले हैं, इनमें कई ग्राम प्रधान भी शामिल हैं। याचिका में कहा गया कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के वक्त मसूरी नगरपालिका में 18 हजार से कम मतदाता थे, 2024 के लोकसभा चुनाव में 18,500 मतदाता थे।
अब होने वाले निकाय चुनाव में मतदाताओं की संख्या अचानक बढ़कर 24,500 पहुंच चुकी है। शिकायत करने पर इनके दस्तावेजों की जांच की गई तो 1,375 फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए गए। अभी भी लिस्ट में 1000 से अधिक वोटर ऐसे है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सूची में शामिल किए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सभी अवैध मतदाताओं की आपत्तियां अलग अलग आवेदन पत्र के साथ पेश की। पालिका के विभिन्न वार्डों में अवैध मतदाताओं को बिना किसी आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड व वोटर पहचान पत्र के मतदाता सूची में शामिल किया गया है। इससे यह साबित है कि चुनाव को प्रभावित करने की साजिश की गई है।