Kanpur: गृहकर पर विशेष सदन की रणनीति में उलझा फोरम, पार्षदों का सहयोग लेने की मुहिम के बीच इस बात की उठी आवाज...
कानपुर, अमृत विचार। बढ़े गृहकर के साथ एरियर और 1 फीसदी नामांतरण शुल्क की वसूली के मुद्दे पर नगर निगम का विशेष सदन बुलाने के लिए मैदान में उतरे पूर्व पार्षदों ने मंगलवार को निगम मुख्यालय पहुंचकर वर्तमान पार्षदों से समर्थन और सहयोग मांगा।
पूर्व पार्षदों ने इस मामले में जनता की लड़ाई लड़ने के लिए फोरम बनाया है। हालांकि विशेष सदन बुलाने की रणनीति को लेकर फोरम में शामिल कुछ पूर्व पार्षद सीधे महापौर को ज्ञापन देने की सलाह दे रहे हैं, जबकि कुछ वर्तमान पार्षदों के सहयोग से सदन बुलाना चाहते हैं।
मदन लाल भाटिया, ललित मोहन श्रीवास्तव, सुमन तिवारी की अगुवाई में एक दर्जन पूर्व पार्षदों ने नगर निगम पहुंचकर पार्षद महेंद्र पांडेय, मोहम्मद उमर, अभिषेक गुप्ता को पत्र देकर नामांतरण शुल्क और बढ़े गृहकर के एरियर की वसूली को असंवैधानिक बताते हुए विशेष सदन बुलाने के लिए पत्र दिया। मदन लाल भाटिया ने बताया कि 20 से ज्यादा पार्षदों को वाट्सएप के जरिये पत्र भेजा गया है।
शेष पार्षदों के घर जाकर समर्थन लिया जा रहा है। सभी विधायकों को भी पत्र भेजकर 15 दिनों में विशेष सदन बुलाने का आग्रह किया जाएगा। निगम मुख्यालय में जुटे फोरम के कुछ सदस्यों का कहना था कि वर्तमान पार्षदों के पास सदन बुलाने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार सिर्फ महापौर के पास है।
इसलिए फोरम को सीधे महापौर प्रमिला पांडेय से मिलकर विशेष सदन बुलाने की मांग करनी चाहिए, वहीं दूसरे पक्ष का कहना रहा कि वर्तमान पार्षदों का सहयोग मिलने पर ही सदन में चर्चा हो पाएगी और प्रस्ताव वापस हो पाएंगे। मो. इसहाक, अशोक केसरवानी, संजीव मिश्रा, एहसान खान, अमीन बाबा, मनीष शर्मा, शमी इकबाल, इजहारुल अंसारी, फूलमती यादव मौजूद रहीं।
लखनऊ, वाराणसी में वसूली प्रस्ताव हो चुके वापस
पूर्व पार्षद सुमन तिवारी ने बताया कि नगर निगम अधिनियम-1959 की नियमावली के विरुद्ध भवन स्वामियों से असंवैधानिक रूप से नामांतरण शुल्क वसूला जा रहा है। नगर निगम लखनऊ एवं वाराणसी में वसूली प्रस्ताव वापस हो चुके हैं। लेकिन कानपुर नगर निगम लोगों को परेशान कर रहा है।