Avanish Dixit के साथियों की बढ़ी मुसीबतें, कोर्ट ने सुनाया यह फैसला...
कानपुर, अमृत विचार। नजूल की जमीन कब्जाने व डकैती के मुकदमों में नामजद 50 हजार के इनामी जीतेश झा व अली अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका एडीजे-6 की कोर्ट ने खारिज कर दी।
सिविल लाइंस स्थित नजूल की जमीन कब्जाने के प्रयास में लेखपाल विपिन कुमार ने कोतवाली में पूर्व प्रेसक्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित, अली अब्बास व जीतेश झा समेत 13 नामजद व 20 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद सिविल लाइंस निवासी सैमुएल गुरुदेव ने उक्त आरोपियों समेत 12 नामजद व 20 से 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद से आरोपी जीतेश झा व अली अब्बास फरार चल रहे थे।
पुलिस ने आरोपियों पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। जीतेश व अब्बास ने एडीजे-6 कमलेश कुमार पाठक की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। गुरुवार को मामले में सुनवाई हुई, कोर्ट ने दोनों आरोपियों की याचिका खारिज कर दी।
सात दिन का मांगा समय, कोर्ट ने लगाई फटकार
एपीफैनी मामले में गुरुवार को आरोपी मो. सलीम की ओर से एडीजे-6 की कोर्ट में दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने पुलिस से मामले में रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर अभियोजन की ओर से बताया गया कि विवचेक टेस्ट मैच के कारण मैच में व्यस्त है, जिस पर जवाब तैयार नहीं हो पाया।
अभियोजन की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय मांगा गया था। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि प्रार्थनापत्र पर समय दिए जाने का कोई आधार नहीं है। अभियोजन को निर्देशित किया कि आपत्ति प्रस्तुत करनी हो तो उसे अविलम्ब तैयार कर लें। कोर्ट ने सुनवाई की तिथि 27 सितंबर निर्धारित की।
संगठित अपराध की बढ़ी धारा, जमानत पर बल नहीं दिया
नजीराबाद थाने में कमलेश फाइटर व अनवरगंज इफ्तिखाराबाद निवासी मुशीर खान के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने कमलेश व उसके अन्य साथियों के साथ ही मुशीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मुशीर ने एडीजे-6 की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। मुकदमें में संगठित अपराध की धारा बढ़ने के बाद बचाव पक्ष की ओर से याचिका पर बल नहीं दिया गया।
वसूली मामले में अखलाक की जमानत मंजूर
अनवरगंज के गुरबत्तुल्ला पार्क निवासी मुफीद खान ने अनवरगंज थाने में अवनीश दीक्षित, वसीम खान, अखलाक खान के खिलाफ वसूली की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। मुफीद ने बताया था कि अवनीश दीक्षित व उसके साथियों ने उनके बच्चों की कनपटी पर पिस्तौल लगाकर नोटरी एग्रीमेंट पर गवाह बना फर्जी हस्ताक्षर कराए।
आरोप लगाया कि पत्नी सबा को डरा धमका कर हस्ताक्षर करा लिए और मकान पर कब्जा कर लिया। बताया कि ये गैंग गरीबों की जमीन व मकान पर कब्जा करता है। पुलिस ने मामले में अखलाक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अखलाक की ओर से एडीजे-6 की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जो मंजूर कर ली गई है।