हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से मांगा जवाब : राहुल गांधी की नागरिकता सम्बन्धी शिकायत पर क्या कार्रवाई की
राहुल की सांसदी के खिलाफ अधिकार पृच्छा रिट की भी मांग
लखनऊ, विधि संवाददाता। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी की नागरिकता के विवाद पर सिटिजनशिप एक्ट के तहत केन्द्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी को की गयी शिकायत पर कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 30 सितम्बर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर की याचिका पर पारित किया है। जुलाई माह में इसी याची की याचिका को न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह चाहे तो सिटिजनशिप एक्ट के तहत सक्षम प्राधिकारी को शिकायत कर सकता है। याची की ओर से दलील दी गई कि उसके पास तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं जिनसे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं और इस कारण से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं तथा लोकसभा सदस्य का पद नहीं धारण कर सकते।
इसी आधार पर याची ने राहुल गांधी की सांसद पद पर बने रहने के खिलाफ अधिकार पृच्छा रिट जारी करने का आदेश देने की भी मांग की है। साथ ही याचिका में राहुल गांधी के इस प्रकार से दोहरी नागरिकता धारण करने को भारतीय न्याय सन्हिता तथा पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध बताते हुए, सीबीआई को केस दर्ज कर जांच करने का आदेश देने की भी मांग की गयी है। याची का कहना है कि उसने दोहरी नागरिकता के सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायतें भेजीं लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर वर्तमान याचिका दाखिल की जा रही है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि फिलहाल केन्द्र सरकार के अधिवक्ता निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को इस तथ्य से अवगत कराएं कि क्या याची की शिकायतें सक्षम प्राधिकारी को प्राप्त हो गयी हैं और यदि हां, तो शिकायतों पर क्या कार्रवाई की जा रही है