बरेली: शाहजहांपुर-बीसलपुर फोरलेन चौड़ीकरण के भूमि अधिग्रहण में भी घोटाला

एनएचएआई के कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर 75 करोड़ का किया खेल

बरेली: शाहजहांपुर-बीसलपुर फोरलेन चौड़ीकरण के भूमि अधिग्रहण में भी घोटाला

बरेली,अमृत विचार। बरेली-सितारगंज फोरलेन निर्माण के लिए भूमि खरीद में करीब 80 करोड़ का घोटाला करने वालों ने शाहजहांपुर-बीसलपुर फोरलेन के चौड़ीकरण में भी घोटाले का षडयंत्र रचा है। सितारगंज हाईवे में भूमि खरीदने वालों में से कुछ सौदागरों ने इस हाईवे के किनारे किसानों से भूमि खरीदकर कंस्ट्रक्शन कराया। इसके बाद एनएचएआई के कर्मचारियों से साठगांठ कर भूखंड का मूल्यांकन कराकर घोटाले की रणनीति बनाई। अलीगंज, लखनऊ, बहराइच, ऊधम सिंह नगर, बरेली आदि जिलों के सौदागरों के करीब 75 करोड़ रुपये घोटाला करने की साजिश रचने की सबूतों के साथ शिकायत विनय कुमार संयुक्त सचिव (भूमि अधिग्रहण) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की गई है।

बहेड़ी तहसील के मलपुर पचपेड़ी निवासी नागेंद्र सिंह ने किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग करते हुए भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। नागेंद्र सिंह ने शिकायत में कहा है कि शाहजहांपुर-बीसलपुर खंड में करीब 47 किलोमीटर में राष्ट्रीय राजमार्ग-731के के फोरलेन चौड़ीकरण के लिए कई गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें से कुछ स्थान पर चौड़ीकरण और कुछ बाईपास के निर्माण के लिए भूमि को अधिग्रहीत किया जा रहा है। अधिकारियों और आंतरिक कर्मचारियों की साठगांठ से कई जिलों के सौदागरों ने अधिग्रहण से प्रभावित भूमि की आंतरिक जानकारी हासिल कर भूमि को न्यूनतम दामों में किसानों से खरीदा और अधिक मुआवजा पाने के लिए अस्थायी निर्माण किया है, जिससे सरकार को कुल 75 करोड़ की रकम की चपत लगाकर बंदरबांट कर सके। नागेंद्र ने शिकायत में जिन लोगों ने किसानों से भूमि खरीदी है, उनके नाम पते सहित कितनी भूमि खरीदी और कितना मुआवजा लेने के लिए प्रयासरत हैं, इसकी भी डिटेल भेजी है।

इन शहरों के रहने वालों ने बीसलपुर तहसील क्षेत्र में ही खरीदी हैं भूमि
नागेंद्र सिंह ने शिकायत में बताया है कि ग्यासपुर गांव में अलीगंज, लखनऊ और बहराइच के दंपति समेत चार लोगों ने सितंबर 2023 में 0.6960 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का बैनामा कराया। इनकी 0.5200 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत हुई और 28 करोड़ रुपये का मूल्यांकन है। ग्यासपुर गांव में ही बहराइच, बरेली शहर के तीन लोगों ने सितंबर और अक्टूबर 2023 में 0.3200 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। करीब 0.2650 भूमि अधिग्रहीत हुई और 12 करोड़ का मूल्यांकन है। महावा गांव में बरेली शहर के ही एक व्यक्ति ने सितंबर 2023 में 0.2180 से ज्यादा भूमि खरीदी थी। 0.0857 हेक्टेयर अधिग्रहीत हुई और छह करोड़ मूल्यांकन हुआ है। इसी गांव में बरेली शहर के अलग-अलग वार्डों के रहने वाले दो लोगों ने सितंबर 2023 में 0.1700 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। भूमि अधिग्रहीत हुई और 12 करोड़ मूल्यांकन है। महावा गांव में रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड), सितारगंज, बरेली, बडगवां और बहराइच के पांच लोगों ने 0.3080 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। इस भूमि की अक्टूबर 2023 में अलग-अलग तारीखों में रजिस्ट्री कराई गई थी। करीब 0.2500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत हुई और आठ करोड़ का मूल्यांकन है। इसी गांव में ही बरेली के शहामतगंज क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने अगस्त, 2023 में 0.0490 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। भूमि अधिग्रहीत हुई और तीन करोड़ का मूल्यांकन है। खनका उचसिया गांव में रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर के रहने वाले व्यक्ति ने नवंबर 2023 में 0.1460 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। जिसमें से 0.0364 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत हुई और दो करोड़ का मूल्यांकन हुआ। इसी गांव में मीरगंज, बहेड़ी और सीबीगंज क्षेत्र के रहने वाले तीन लोगों ने अक्टूबर 2023 में 0.2590 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। 0.0706 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत हुई और करीब तीन करोड़ का मूल्यांकन है।

दिसंबर 2023 में धारा 3 ए के प्रकाशन से पहले ही खरीद ली गई थी भूमि
शिकायत में बताया है कि भूमि अधिग्रहण की आंतरिक जानकारी लीक होने और अपने लिंक के कारण सौदागरों ने प्रभावित भूमि पर आसानी से अपना खेल शुरू किया था। धारा- 3 ए के दो से तीन महीने पहले ही भूमि खरीदने के बाद अस्थायी निर्माण करा लिए थे। धारा 3 ए का प्रकाशन 12 दिसंबर 2023 को हुआ, जबकि धारा 3 डी का प्रकाशन 16 मार्च 2024 को किया गया। सरकार को चूना लगाने और सरकारी धन को अवैध रूप से हड़पने के उद्देश्य से शातिर तरीके से जानबूझकर संरचनाओं का निर्माण धारा 3 ए तक और उसके बाद भी चालू रहा है। शिकायत में जिन लोगों के नाम खोले गए हैं, उनमें से अधिकांश ने बरेली और पीलीभीत में सेंधमारी करके एनएच परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में खेल किया है।

इन्हें भेजी गई है शिकायत
पांच पेज की शिकायत करने से पहले नागेंद्र ने पूरे सबूत जुटाए। इसके बाद 17 सितंबर को संयुक्त सचिव (भूमि अधिग्रहण) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, एनएचएआई के अध्यक्ष, क्षेत्रीय अधिकारी एनएचएआई, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी बरेली और पीलीभीत को शिकायत की प्रतिलिपि भेजी है।

 

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