प्रयागराज: अधिवक्ताओं के लिए वायरल हो रहा यह खास संदेश, बार काउंसिल ने किया खंडन
प्रयागराज, अमृत विचार। राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ने इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक भ्रामक संदेश को लेकर जानकारी साझा की है और सभी अधिवक्ताओं तथा बार संघों को इस संदर्भ में सचेत रहने का निर्देश दिया है।
दरअसल कुछ अधिवक्ताओं द्वारा आजकल सोशल मीडिया पर एक संदेश बहुत तेजी से वायरल किया जा रहा है, जिसमें बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा अधिवक्ताओं के लिए निर्देश दिया गया है। निर्देशानुसार जो अधिवक्ता अपना पंजीकरण करा चुके हैं और उन्होंने अपना सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस प्राप्त नहीं किया है तो वे अधिवक्ता कोर्ट कैंपस में केवल काली टाई ही पहनने के हकदार हैं। वे काला कोट या बैण्ड नहीं पहनेंगे। अगर अधिवक्ताओं को कोट और बैण्ड पहने हुए पाया गया तो उनके विरुद्ध बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।
इस संदेश को लेकर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने सभी अधिवक्ताओं को यह निर्देश दिया है कि ऐसे अधिवक्ता जो इस प्रकार के भ्रामक संदेश वायरल कर रहे हैं। उनकी पहचान कर शीघ्र बार काउंसिल को सूचित किया जाए, जिससे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके, साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर किसी बार संघ द्वारा इस प्रकार का कोई आदेश पारित किया गया है तो उसे अविलम्ब वापस ले लिया जाए। बार काउंसिल ने यह स्पष्ट किया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नए पंजीकृत अधिवक्ताओं को 2 वर्ष के अंदर चार बार एआईबीई की परीक्षा देने की व्यवस्था की गई है। इस बीच ऐसे अधिवक्ता प्रैक्टिस जारी रख सकते हैं। उन पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाना असंवैधानिक होगा। यह जानकारी बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने जारी की है।
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