सात दिन के निर्देश, गुजर गए तीन माह, अधर में जांच

फर्जी अभिलेखों के सहारे मां बेटे की नौकरी का प्रकरण, रिटायर्ड शिक्षक की शिकायत पर नहीं कोई कार्रवाई

सात दिन के निर्देश, गुजर गए तीन माह, अधर में जांच

हैदरगढ़/ बाराबंकी, अमृत विचार : कूटरचित दस्तावेजों के सहारे कथित तौर पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे मां, बेटे की जांच के लिए तीन माह से अधिक समय पूर्व गठित की गई टीम अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इसी लापरवाही की वजह से जालसाजी की दोषी मां और बेटे के विरुद्ध आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी है।

क्षेत्र के ओहरामऊ गांव निवासी सेवानिवृत शिक्षक उमानाथ शुक्ला ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैदरगढ़ में प्रधानाध्यापिका के रूप में कार्यरत आशा गुप्ता एवं कंपोजिट स्कूल अंसारी में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत विवेक गुप्ता के विरुद्ध शासन से शिकायत की थी। कहा गया कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैदरगढ़ में कार्यरत प्रधानाध्यापिका आशा गुप्ता एवं उनकी माता सुशीला गुप्ता के बीच केवल 7 वर्ष 5 माह 2 दिन का ही अंतर है, जो की प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हो रहा। शिकायतकर्ता ने साक्ष्य के रूप में जन सूचना के तहत प्राप्त साक्ष्यों को प्रस्तुत किया।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 19 जून 2024 को उच्चाधिकारियों से प्राप्त निर्देश के क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र प्रसाद त्रिवेदीगंज मनीराम वर्मा दरियाबाद एवं सुषमा सेंगर निंदूरा को जांच अधिकारी बनाते हुए 7 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। शासन से की गई शिकायत में कस्बा हैदरगढ़ निवासी रामेश्वर एवं उमानाथ शुक्ला ने 14 एवं 29 मई को पुन: शिकायती पत्र भेजकर पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैदरगढ़ की प्रधान अध्यापिका आशा गुप्ता पर कूटरचित साक्ष्य के आधार पर अधिक दिन नौकरी किए जाने एवं विवेक गुप्ता पर कूटरचित गोदनामें के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोप लगाए।

बता दें कि की गई शिकायत की प्रारंभिक जांच खंड शिक्षा अधिकारी हैदरगढ़ सुनील कुमार गौड़ द्वारा पूर्व में की जा चुकी है। जिसमें प्रारंभिक स्तर पर शिकायतों को सही पाया गया फिर भी 3 माह के बाद भी अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। इससे साबित हो रहा कि कमेटी जांच के नाम पर गोलमाल करके आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही। खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार गौड़ का कहना है कि जांच में शिकायत सही पाई गई थी, इसके बाद एक अन्य जांच समिति भी प्रकरण की जांच कर रही है। आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे इसलिए विलंब हो रहा। जल्दी ही जांच पूरी कर रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

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