मुरादाबाद : जिले में 350.8 मिलीमीटर भारी वर्षा, जनजीवन बेपटरी...जलभराव से आवागमन प्रभावित

कई स्कूलों में सुबह अचानक छुट्टी घोषित करने से परेशान हुए छात्र व अभिभावक, नदियों का जलस्तर बढ़ा, जिले के 9 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

मुरादाबाद : जिले में 350.8 मिलीमीटर भारी वर्षा, जनजीवन बेपटरी...जलभराव से आवागमन प्रभावित

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में तीसरे दिन भी बारिश का क्रम जारी है। गुरुवार की शाम से लेकर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक जिले में 350.8 मिलीमीटर भारी वर्षा हुई है। जो औसत से लगभग चार गुना है। बारिश से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रामगंगा नदी कटघर रेलवे पुल के पास खतरे की निशान की ओर बढ़ रही है। यहां पर बढ़ते क्रम में जलस्तर 188.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। जबकि खतरे का बिंदु 190.60 मीटर है। वहीं गागन व कालागढ़ में भी रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़त पर है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क कर दिया है। बाढ़ चौकियों को 27 घंटे सक्रिय रखने का आदेश जिलाधिकारी अनुज सिंह ने दिया है। बारिश के चलते 188 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि 24 जनहानि व 4 पशु हानि हुई है।  तीसरे दिन शुक्रवार को भी बारिश का क्रम जारी है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अभी दो दिन और मूसलाधार बारिश का अनुमान जताया गया है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन सक्रिय है। जिलाधिकारी अनुज सिंह ने एडवाइजरी जारी कर बाढ़ व आपदा की स्थिति में सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए सभी उपाय करने व लोगों से जागरूक रहने की अपील की है। 

गुरुवार को जहां 167.30 मिलीमीटर बारिश से जलभराव से हर ओर परेशानी हुई थी। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार सुबह 10 बजे तक जिले में 350.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया है। जिसमें सर्वाधिक बिलारी तहसील क्षेत्र में 97.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश से मुरादाबाद सदर तहसील के पांच गांवों और ठाकुरद्वारा के चार गांवों में पानी घुस गया है।

ठाकुरद्वारा तहसील के डिलारी विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले इलर गांव में पानी बढ़ने के साथ ही नदी गऊशाला की ओर कटान कर रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि संबंधित तहसीलों के उप जिलाधिकारी व तहसीलदार को सतर्क कर दिया गया है। लोगों से भी अपील है कि वह सावधानी व सुरक्षा बरतें। नदी के गहराई वाले क्षेत्रों में न जाएं। जर्जर भवन के आसपास न खड़े हों। पुराने पेड़ के नीचे भी शरण न लें। इन जगहों पर बारिश के चलते कभी भी असुरक्षा की स्थिति आ सकती है। बज्रपात की आशंका को देखते हुए खुले में जाने में भी सतर्कता जरूरी है।

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