मुरादाबाद : हादसों को रोकने के लिए रेलवे ट्रेनों में लगा रहा विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस, ड्राइवर को नींद आने पर खुद रुकेगी ट्रेन
मंडल की 150 ट्रेनों के इंजन में लगाई जा रही है विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस
मुरादाबाद, अमृत विचार। हादसों को रोकने के लिए रेलवे द्वारा नई तकनीकों पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मुरादाबाद मंडल में कवच प्रणाली लगाई जा रही है। जिसमें सभी इंजनों में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस लगाई जा रही है। विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस लगने के बाद ड्राइवर की आंख लगने व तबीयत खराब होने और आपातकालीन स्थिति होने पर ट्रेन खुद ही रुक जाएगी। मंडल में इसका ट्रायल सफल हो चुका है। मंडल के लगभग 150 इंजनों में यह डिवाइस लग भी चुकी है।
ट्रेनों में होने वाले हादसे रोकने के लिए रेलवे कवच प्रणाली पर कार्य कर रहा है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यदि ड्राइवर को नींद आ रही हो या उसकी तबीयत खराब हो जाए तो सबसे पहले असिस्टेंट ड्राइवर ट्रेन को अपने कंट्रोल में ले लेता है। इस स्थिति में वह ट्रेन को अगले स्टेशन तक लेकर जाता है। अगर असिस्टेंट ड्राइवर भी परेशान है या फिर वह ट्रेन को कंट्रोल करने की स्थिति में नहीं है तो ऐसी स्थिति में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देगी।
विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस को रेलवे कंट्रोल रूम की तरफ से लगातार सिग्नल भेजे जाते हैं। अगर ड्राइवर या सहायक ड्राइवर की तबीयत खराब है, बेहोश हो गए हैं, नींद आ गई है या अन्य आपातकालीन स्थिति है तो वह डिवाइस के सिग्नल का जवाब नहीं दे पाते हैं। जिसके बाद डिवाइस का काम शुरू हो जाता है। अगर एक मिनट तक ड्राइवर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो 17 सेकेंड का अलार्म नोटिफिकेशन इंजन के पैनल पर आता है और बजर बजता है। इन 17 सेकेंड में भी कोई संपर्क नहीं होता है तो विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस इमरजेंसी ब्रेक लगा देती है। यह डिवाइस कंट्रोल रूम को यह जानकारी दे देती है कि संबंधित ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लगाए गए हैं। इसका मूल कारण ड्राइवर द्वारा ट्रेन को ऑपरेट नहीं किया जाना है।
कुछ इंजनों में पहली लग चुकी डिवाइसों को किया जा रहा अपग्रेड
लगभग तीन साल पहले कुछ इंजनों में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस लगवाई गई थी। जिन इंजनों में पहले से यह डिवाइस लगी है उन्हें अपग्रेड कराया जा रहा है। कई इंजनों में यह डिवाइस कोरोना काल के बाद लगाई जा चुकी है। इन इंजनों में ड्राइवर के पैर के पास एक बटन होता है। थोड़ी-थोड़ी देर में ड्राइवर को यह बटन दबाना होता है। बटन न दबाने की स्थिति में अलार्म बजने लगता है। अब डिवाइस को इंजन के पैनल पर भी लगाया गया है। यानी ड्राइवर को पैर व हाथ दोनों से क्रियाशील रहना जरूरी है। यदि नींद की स्थिति में दो बार अलार्म बजने पर पैर से ही बटन दबा दिया तो भी ट्रेन के ब्रेक लग जाएंगे। ऐसा होने पर ड्राइवरों से आधिकारिक पूछताछ होती है कि डिवाइस को ब्रेक लगाने की जरूरत क्यों पड़ी। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर कार्रवाई भी हो सकती है।
मुरादाबाद मंडल में इस डिवाइस को लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इस डिवाइस से ड्राइवर के ट्रेन को ऑपरेट न करने की स्थिति में खुद ब्रेक लग जाते हैं। जिससे हादसों पर रोक लगेगी।-रेहान रजा रिजवी, डीसीएम
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