प्रयागराज: थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग, सौंपा ज्ञापन 

यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने गंभीरता से विचार करने का दिया आश्वासन

प्रयागराज: थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग, सौंपा ज्ञापन 
यूपी बोर्ड में थर्ड जेंडर को शामिल करने के लिए सचिन भगवती सिंह से मुलाकात करती किन्नर बोर्ड की सदस्य महामंडलेश्वर कौशल्या नंदन गिरी

प्रयागराज, अमृत विचार। देश और दुनिया में सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद  (यूपी बोर्ड) में अब थर्ड जेंडर के बारे में बच्चों को शिक्षा देने की मांग उठने लगी है। यूपी किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि ( टीना मां) ने यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह से बुधवार को मिलकर मांग किया है कि यूपी बोर्ड में थर्ड जेंडर के विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। उन्होंने इस बाबत यूपी बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज में बोर्ड के सचिव को ज्ञापन सौंपा है। 

महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने ज्ञापन में मांग किया है कि प्रदेश के लाखों छात्र, छात्राओं को थर्ड जेंडर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हाईस्कूल और इण्टर मीडिएट के पाठ्यक्रम में थर्ड जेंडर को शामिल किया जाये जिससे कि समाज में थर्ड जेंडर को उचित सम्मान मिल सके।

महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां ) ने कहा कि समाज में दो लिंग यानी महिला और पुरुष की बात तो होती है लेकिन थर्ड जेंडर के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता है जिससे थर्ड जेंडर यानी ट्रांसजेंडर खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर के बारे में प्रदेश और देश के लाखों, करोड़ों छात्र, छात्राओं को कोई जानकारी नहीं है जबकि वह भी समाज के किसी न किसी परिवार के सदस्य होते हैं, वह परिवार हमारा या आपका भी हो सकता है। ऐसे में अब जरूरी हो गया है कि थर्ड जेंडर को समाज के लोग जाने और समझें। 

यूपी किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि ( टीना मां) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नालसा जजमेंट - 2014 में थर्ड जेंडर का अधिकार दिया था। ऐसे में सरकारी नौकरी और अन्य भर्तियों में किन्नर/ ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर में शामिल किया गया है और उनके लिए अलग से जेण्डर को मान्यता दी गयी है। ऐसे में आपसे सादर आग्रह है कि थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये जिससे कि प्रदेश के लाखों छात्र, छात्राओं और अभिभावकों को थर्ड जेंडर के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि यूपी में थर्ड जेंडर की आबादी करीब 15 लाख से ज्यादा है। जबकि यह संख्या देश में 50 लाख के करीब है। बहुत से घरों में थर्ड जेंडर है लेकिन परिवार वाले समाज से छिपाते हैं। जबकि थर्ड जेंडर का महाभारत सहित अन्य युगों में विस्तार से उनके कार्यों कि वर्णन मिलता है। 
महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि महराज ने कहा कि थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के नौवीं कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये जिससे कि हम लोगों को समाज में सम्मानजनक स्थान मिल सके। 

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया कि इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर जागरूकता की जरूरत है। जो भी संभव मदद होगी वह किया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने कहा कि एनसीएफ मानविकी पर पाठ्यक्रम बना रहा है उसी में थर्ड जेंडर को शामिल करने के लिए वार्ता करूंगा।

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