कासगंज: अधिवक्ता मोहिनी हत्याकांड में आरोपी बनाए गए तीन वकीलों समेत चार गिरफ्तार
पुलिस ने चिकित्सीय परीक्षण कराने के बाद आरोपियों को न्यायालय में किया पेश
कासगंज, अमृत विचार। महिला अधिवक्ता हत्याकांड मामले में सदर कोतवाली पुलिस ने आरोपी तीन अधिवक्ता सहित चार को गिरफ्तार किया है। चारों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। शाम तक न्यायालय में सुनवाई होती रही और निर्णय का इंतजार किया जाता रहा। इधर मामले में गिरफ्तारी होने के बाद आक्रोश कुछ कम हुआ है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।
पुलिस ने तीन अधिवक्ता सहित चार लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस गिरफ्त में आए अधिवक्ता मुस्तफा कामिल उनके बेटे विधि छात्र असद मुस्तफा, अधिवक्ता हैदर मुस्तफा, सलमान को पूछताछ के बाद न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष पेश किया। इधर तीन अधिवक्ता और एक विधि छात्र की गिरफ्तारी के बाद आक्रोश जता रहे अन्य अधिवक्ता साथियों में आक्रोश कुछ कम दिखाई दिया है। वहीं दो आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
न्यायालय में घूमते देखा गया आरोपी
मामले में आरोपी अधिवक्ता मुनाजिर रफी के घर पर शहर के मोहल्ला बड्डऊ नगर में पुलिस ने भले ही देर रात दबिश दी, लेकिन शनिवार को आरोपी को अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में घूमते हुए देखा। हालांकि, पुलिस का कहना है कि वह अभी नहीं मिल सका है। जांच की जा रही है। उसकी तलाश की जा रही है और एक अन्य अधिवक्ता जो इस मामले में आरोपी है उस मामले में भी जांच कर रहे हैं। जल्द ही अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल से लेकर न्यायालय तक कड़ी सुरक्षा
आरोपी मुस्तफा कामिल सहित उनके तीनों पुत्रो को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं की अच्छी खासी भीड़ रही। इधर न्यायालय में पेश करने से पहले आरोपी तीनों अधिवक्ता और विधि छात्र को चिकित्सीय परीक्षण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर भेजा गया। जहां परीक्षण के दौरान कड़ी सुरक्षा रही। न्यायालय परिसर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।
अधिवक्ता बोले हुआ है अन्याय
कासगंज के वरिष्ठ अधिवक्ता जयकुमार ने तीन अधिवक्ता और एक विधि छात्र की गिरफ्तारी को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है। अधिवक्ता साथी आरोपी नहीं हैं। शुक्रवार की शाम को भी कासगंज एसपी अपर्णा रजत कौशिक से मुलाकात की गई तब भी उन्होंने भरोसा दिया कि अधिवक्ताओं को हिरासत में नहीं लिया जाएगा, लेकिन पुलिस ने अधिवक्ताओं को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है। मामले को लेकर उच्च न्यायालय का सहारा लिया जाएगा।