मुरादाबाद : महानगर में अतिक्रमण बना स्मार्ट सिटी के लिए नासूर, नागरिकों-व्यापारियों को हो रही असुविधा

बुध बाजार, जीएमडी रोड, जेल रोड पर अतिक्रमण न हटने से स्मार्ट सिटी की परियोजना अधर में, 127 करोड़ की लागत का स्मार्ट रोड नेटवर्क का कार्य एक साल से लटका

मुरादाबाद : महानगर में अतिक्रमण बना स्मार्ट सिटी के लिए नासूर, नागरिकों-व्यापारियों को हो रही असुविधा

मुरादाबाद, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी के लिए अतिक्रमण नासूर बना है। इसके चलते बुध बाजार, जीएमडी रोड सहित अन्य क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी परियोजना का काम अधर में लटका है। इससे नागरिकों व व्यापारियों को भी असुविधा हो रही है। लेकिन अतिक्रमण हटाने के विरोध में खुद व्यापारी और सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधि ही खड़े हो रहे हैं। जिससे नगर निगम प्रशासन कई बार अपने कदम रोक लेता है और महानगर के सौंदर्यीकरण का कार्य थम जाता है।

मुरादाबाद स्मार्ट सिटी की ओर से 127 करोड़ रुपये की लागत का स्मार्ट रोड नेटवर्क और 69.04 करोड़ रुपये का रेट्रोफिटिंग आफ ओल्ड मार्केट एरिया का काम तय समय से एक साल से अधिक बीतने के बाद भी लटका है। इसकी कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम है। बुध बाजार में चिह्नित अतिक्रमण हटाने के लिए नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण में निर्देश दिया था। लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी इसका पालन नहीं हो पाया है। इससे काम में अड़चन बनी है। वहीं जेल रोड पर चिह्नित अतिक्रमण पर लाल निशान लगाने के विरोध में व्यापारियों के साथ नगर विधायक भी सड़क पर उतरे थे।

 उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को तानाशाही न करने की चेतावनी दी थी। तब से इस क्षेत्र में चिह्नित अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर नहीं चला। इससे करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का काम रूकने से महानगर पूरी तरह स्मार्ट नहीं हो पा रहा है। इस क्षेत्र के अलावा रेलवे स्टेशन रोड पर ही दुकानों के आगे अतिक्रमण किया गया है। जिससे बाहर से आने वालों की नजर में महानगर की छवि स्मार्ट नहीं बन पा रही है। नगर आयुक्त का कहना है कि स्मार्ट सिटी के काम को हर हाल में पूरा कराएंगे। कार्यदायी संस्थाओं को काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश के क्रम में अतिक्रमण हटवाया जाएगा।

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