बाराबंकी: साइबर ठगी के तरीके तमाम, उपाय बस जागरूकता...103 पीड़ितों को वापस कराये गए 45 लाख रुपए

बाराबंकी: साइबर ठगी के तरीके तमाम, उपाय बस जागरूकता...103 पीड़ितों को वापस कराये गए 45 लाख रुपए

बाराबंकी, अमृत विचार। मोबाइल अब जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। इसके बिना दिन बेकार सा गुजरता ही है। वहीं दिन भर के सारे कामों की थकान भी मोबाइल का जरा सा साथ मिटा देती है। यह मोबाइल का उजला पहलू है। लेकिन इसका स्याह पहलू गंभीर व चिंताजनक ही नहीं बल्कि हर पल सतर्क करने वाला है। खासकर जबसे साइबर ठगों के हाथ एआई तकनीक लग गई है। तबसे सगे रिश्तेदार का रूप धरकर भी ठग सामने आ रहे हैं।

क्या कम पढ़ा लिखा और क्या हर विधा में माहिर, हर कोई इस ठगी का आए दिन शिकार बन रहा। बात करें इससे बचने की तो उपाय बस एक है और वह है जागरूकता। हालांकि ठगी के बदलते स्वरूप व बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने में साइबर थाने ने बहुत ही सराहनीय काम किया है और सैकड़ों से ऊपर लोगों की गाढ़ी रकम उनके खाते में वापस कराई है। इससे लोगों को राहत तो मिली है, पर हैरत की बात यह कि अभी भी रोज कोई न कोई शिकार अपनी शिकायत लेकर थाने पर हाजिर हो जाता है। 

मोबाइल किस कदर अहम भूमिका हर किसी के जीवन में निभा रहा, यह बताने की जरूरत नहीं है। तमाम तरह के नुकसान उठाने के बावजूद भी इसका क्रेज कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह कि अब मोबाइल खासकर एंड्रायड सेट उन हाथों में भी पहुंच रहा जिन्हे मोबाइल की एबीसीडी भी अधिक नहीं आती, पर उन्हे मोबाइल का साथ बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा घरों में गृहणियों और युवा व बच्चों में भी मोबाइल ने बड़े स्तर पर पहुंच बना रखी है। कारण मोबाइल रखने के सबके अलग अलग हैं पर क्रेज सभी में चरम पर है। इस तरह मोबाइल का इस्तेमाल जितना अधिक हो रहा, उतना ही खतरा भी सर पर मंडराया करता है। खासकर ऑनलाइन कारोबार व खरीददारी ने ठगों को सुनहरा मौका दे दिया है। इसके अलावा ठगों ने नए नए तरीके अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ाने में खासी कामयाबी पाई है।

103 लोगों को खाते में वापस मिले 45 लाख रुपए
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों का निस्तारण पहले भी होता रहा है लेकिन जनवरी 2024 में जबसे पुलिस लाइन परिसर में साइबर थाना की स्थापना हुई तबसे सभी मामले एक छत के नीचे एकत्र होने शुरू हुए और इनके दर्ज होने से लेकर पीडि़तों को राहत पहुंचाने में संतोषजनक तेजी आई। साइबर थाना प्रभारी विजयवीर सिंह सिरोही बताते हैं कि जनवरी 2024 से लेकर अब तक कुल 103 मामले साइबर ठगी के दर्ज हुए और इनका निस्तारण कराते हुए करीब 45 लाख रुपए पीड़ितों के खाते में वापस कराए गए। इसके बाद भी साइबर थाना आए दिन ऐसे ही मामलों को लेकर व्यस्त रहता है।

शिकायतें तमाम, दर्द आम उपाय बस एक जागरूकता
ओटीपी, क्रेडिट डेबिट कार्ड, सरकारी योजना के लाभार्थी, लाटरी में नाम आने, बीमारी व भर्ती होने के बहाने ठगी करने जैसे तमाम तरीके पुराने हो चले हैं। अब ठगों ने अपने काम करने का तरीका भी बदला है। खासकर जबसे एआई तकनीक आई है तबसे ठग भी स्मार्ट होते जा रहे। बाराबंकी में एआई तकनीक के प्रयोग से जुड़ा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है पर इसका इस्तेमाल जमकर हो रहा। जैसे कि एक मामले में सगा रिश्तेदार बनकर हजारों की ठगी कर ली पीड़ित को सच्चाई का पता चला तो उसके होश उड़ गए।

अंजान कालर पर भरोसा न करें
अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह कहते हैं कि साइबर थाना की स्थापना ही इसलिए की गई है कि साइबर ठगी से पीड़ित लोगाें को समय रहते राहत मिल सके। थाना इस दिशा में तन्मयता से काम कर रहा। आवश्यकता इस बात की है कि मोबाइल धारक अज्ञात कालर की बात पर एकबारगी भरोसा करने के बजाए बात समझें और किसी लालच में न पड़ें। केवल जागरूक होकर ही इन ठगों से निपटा जा सकता है।

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