बाराबंकी : चिकित्साविदों का समागम, सफल इलाज के तरीकों पर चर्चा 

बाराबंकी : चिकित्साविदों का समागम, सफल इलाज के तरीकों पर चर्चा 

बाराबंकी, अमृत विचार । शनिवार को हिंद मेडिकल कॉलेज की कार्यशाला में देश के जाने-माने चिकित्साविदों का समागम हुआ। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में निश्चेतन क्रिया के महत्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। आपातकालीन दशाओं में दिल के उपचार, कृत्रिम श्वसन, बेहोशी की हालत में सफल इलाज के तरीकों पर चर्चा हुई। नई दवाइयां, मशीन व उपकरण के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला गया। साथ ही ऑपरेशन के बाद मरीज को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ तक पहुंचाने की बातें बताई गईं।

 इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्म भूषण चिकित्साविद डॉ बीके राव ने बताया कि आज चिकित्सा विज्ञान काफी बदलाव की ओर जा रही है। इसे और आगे ले जाना है। इसे सामान्य फिजिशियन से लेकर आपातकालीन चिकित्सा,जटिल सर्जरी, दिल के उपचार व गहन चिकित्सा से जोड़कर मानव जीवन बचाने के कार्य में लगाना है। उन्होंने बताया के सफलता के लिए नित-नए चिकित्सीय उपकरणों का इजाद भी बहुत जरूरी है। बेंगलुरु से आए डॉ मुरलीधर कांची ने गहन हृदय चिकित्सा पर व्याख्यान दिया।

बताया कि शरीर में खून के प्रवाह की गति तथा नसों में कितना रक्त जा रहा है, इसके बेहतर तरीके क्या हैं, जिससे रक्त प्रवाह को संतुलित रखा जा सके। मरीज शीघ्र व्यवस्थित होकर ठीक हो सके। इसके लिए उन्होंने अल्ट्रासाउंड से दिल की क्रिया को देखकर उपचार तय किया जाना बताया। उपचार के बाद मरीज में कितना सुधार हो रहा है। सघन चिकित्सा की दशा में दिल में पतली ट्यूब युक्त कैथेटर डालकर मरीज की स्थिति व हृदय गति को आसानी पूर्वक पता किए जाने के तरीके बताए।

कार्यशाला को हिन्द चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो आमोद सचान,प्राचार्य दीपक मालवीय, एनेशिसिया विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना अग्रवाल, सैफई विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ब्रिगेडियर टी प्रभाकर, कर्नाटक मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो पी एफ कुट्टू, प्रो राजीव लखोटिया, प्रो सोमनाथ लोंगानी, डॉ सरबजीत, डॉ राखी गुप्ता ने संबोधित किया। इस मौके पर तमाम चिकित्साविद और कॉलेज के वरिष्ठ डाक्टर व अतिथि चिकित्सक उपस्थित रहे।

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