Kanpur News: GSVSS पीजीआई में ईआरसीपी सुविधा भी...इन गंभीर मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

Kanpur News: GSVSS पीजीआई में ईआरसीपी सुविधा भी...इन गंभीर मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएसएस पीजीआई में एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियो पैन्क्रिएटोग्राफी (ईआरसीपी) की सुविधा उपलब्ध होने से पित्त की नली में दिक्कत, पथरी, पैंक्रियाज की समस्या और कैंसर समेत पेट में होने वाली जटिलताओं की जांच व इलाज आसानी से हो सकेगी। इन समस्याओं पर ओपन सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी।   

पीजीआई के गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग में प्रतिमाह पेट में कैंसर की समस्या से ग्रस्त औसतन 15 से 20 और पथरी से पीड़ित 30 से 35 मरीज  आते हैं। अभी पित्त की नली में समस्या के निदान, पथरी निकालने और कैंसर की रोकथाम के लिए ओपन सर्जरी की जाती है। 

जो मरीज ओपन सर्जरी नहीं कराना चाहते उन्हें लखनऊ या दिल्ली जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन पीजीआई में अत्याधुनिक एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियो पैन्क्रिएटोग्राफी (ईआरसीपी) मशीन आने से छोटा सा चीरा लगाकर मरीजों की गंभीर समस्या का निदान किया जाएगा। इस विधि से बिना ऑपरेशन के पथरी भी निकाली जाती है। 

पित्त की नली में पथरी, कैंसर और  पैंक्रियाज की जटिलता में उपयोगी 

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.विनय कुमार ने बताया ईआरसीपी अत्याधुनिक विधि है, इसका लाभ उन मरीजों को अधिक मिलेगा जो पित्त की नली में पथरी, कैंसर, पित्त के बहाव में रुकावट की समस्या से पीड़ित हैं। पैंक्रियाज से संबंधित जटिल बीमारियों के इलाज में भी यह प्रक्रिया काफी उपयोगी है। इलाज की सुविधा गुरुवार से शुरू कर दी गई है।

2000 रुपये में मिलेगी सुविधा
 
एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियो पैन्क्रिएटोग्राफी विधि की सुविधा जिन निजी अस्पतालों में है, वहां इस विधि से जांच व इलाज कराने पर मरीज को 30 से 40 हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं। लेकिन जीएसवीएम पीजीआई में यह सुविधा सिर्फ 2 हजार रुपये में उपलब्ध होगी। 

पेट में डाल सकते स्टंट भी 

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष ने बताया कि ईआरसीपी डे-केयर सर्जरी की तरह ही है। कैंसर ग्रस्त मरीजों में पीलिया की रोकथाम के लिए ईआरसीपी की मदद से स्टंट भी डाल सकते हैं। कैंसर मरीज में जब तक पीलिया की रोकथाम नहीं होती है, तब तक कीमोथेरेपी मुश्किल होती है।

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