मुरादाबाद : डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, हंगामे के बाद अस्पताल सील

परिजनों की शिकायत पर पहुंचे आलाधिकारी, डाक्टर के विरूद्ध दी गई तहरीर

मुरादाबाद : डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, हंगामे के बाद अस्पताल सील

अस्पताल में सेल लगाते नोडल अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ

पाकबड़ा, अमृत विचार। मंगलवार की रात को डिलीवरी के दौरान एक महिला की मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

अमरोहा जिले के थाना क्षेत्र डिडोली के ग्राम खइय्या माफी निवासी आदिल ने अपनी गर्भवती पत्नी सकीना को डिलीवरी के लिए मंगलवार को पाकबड़ा के मोहल्ला ख्वाजा कॉलोनी में स्थित मखदूमी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां डॉक्टर ने कहा कि इसका ऑपरेशन होगा। परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए। ऑपरेशन के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। जैसे ही महिला की मौत की जानकारी परिजनों को हुई उन्होंने हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और परिजनों को शांत कराया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

महिला की मौत की सूचना किसी ने कमिश्नर को दी। जिसका संज्ञान लेते ही सिटी मजिस्ट्रेट सीओ हाईवे कुलदीप कुमार गुप्ता, नोडल अधिकारी नरेंद्र चौधरी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ प्रवीण श्रीवास्तव, पाकबड़ा सीएचसी प्रभारी कुलदीप चौधरी साथ में भारी पुलिस बल मखदूमी अस्पताल पहुंच गया। सभी ने जाकर देखा तो अस्पताल में आठ मरीज भर्ती थे। सभी मरीजों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भेजा गया। जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।

बताया गया है कि अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। जिसको डॉ. राहिल द्वारा संचालित किया जा रहा था। नोडल अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने बताया कि रात में अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। जिसकी सूचना मिली है। उच्च अधिकारियों के आदेश पर अस्पताल को सील कर दिया गया है। अस्पताल पंजीकृत नहीं है। वहीं डाक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का तहरीर दी गई है।

पाकबड़ा में हर 50 मीटर की दूरी पर बने हैं मौत घर...
पाकबड़ा में हर 50 मीटर की दूरी पर अस्पताल के रूप में मौत के घर बने हैं। झोलाछापों ने पैसा लगाकर जगह-जगह अस्पताल खोल दिए हैं। घरों में भी अस्पताल चल रहे हैं। जो ज्यादातर फर्जी है। न तो उनके पास कोई डिग्री है और न ही ये पंजीकृत हैं। गांव देहात से मरीज के लाने के लिए इन्होंने अपने एजेंट छोड़ रखे हैं। जो कम रकम में ऑपरेशन करवाने के नाम पर अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं। उसके बाद किसी भी मरीज की मौत हो जाने पर सब छोड़ कर भाग जाते हैं। इसी वजह से पाकबड़ा स्थित इन अस्पतालों में झोलाछापों द्वारा लगातार मौतों का सिलसिला जारी है।

अग्निशमन यंत्रों का भी अभाव
पाकबड़ा क्षेत्र में जितने भी अस्पताल चल रहे हैं। अधिकांश में आग बुझाने के लिए पर्याप्त उपकरण भी नहीं हैं। अगर किसी कारण किसी अस्पताल में आग लग जाती है तो वहां भर्ती मरीजों की जान पर बन सकती है। बेसमेंटों में खुले अस्पतालों में तो स्थिति और भी भयावह है।

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