अदालत का फैसला : नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने सुनाया फैसला
बहराइच, अमृत विचार। सुजौली के चहलवा गांव निवासी एक अभियुक्त को विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने मंगलवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में बीस वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अभियुक्त को 70 हजार के अर्थदंड से दंडित भी किया है।
सुजौली थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पिता ने अपनी 16 वर्षीय बेटी गायब होने के मामले में थाने पर 11 दिसंबर 2017 को तहरीर दिया था। पिता ने अपनी तहरीर में कहा था कि उसकी बेटी को चहलवा गांव निवासी श्याम सुंदर बहला फसेलाकर भगा ले गया था। बेटी को भगाने में उसकी बहन ने अपना पूरा सहयोग दिया था। काफी खोजबीन की गई है, लेकिन बेटी का पता नहीं चल पा रहा है। थाने की पुलिस ने तहरीर के आधार पर श्याम सुंदर के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू किया था। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी ने साक्ष्यों व गावाहों के आधार पर आरोपपत्र तैयार कर न्यायालय पर सौंपा था।
मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो दीपकांत मणि की कोर्ट पर मुकदमें में सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह ने घटना को गंभीर बताते हुए अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने की अपील कोर्ट पर की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त को साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर घटना में नामजद अभियुक्त को दोषी मानते हुए बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त को 70 हजार के अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को पांच माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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