Fatehpur: रिश्वत नहीं मिली तो लेखपाल ने बनाया 8 लाख का वार्षिक आय प्रमाण पत्र, जांच शुरू
पिछली बार 42 हजार सालाना का बना था प्रमाण
फतेहपुर, अमृत विचार। लेखपालों की करतूतों से विभाग पहले ही बदनाम है थाना और तहसील दिवस में सबसे अधिक मामले राजस्व विवाद संबंधी आते हैं और डीएम के द्वारा फटकार भी लगाई जाती है मगर राजस्व कर्मियों की भ्रष्ट कार्यशैली में कोई खास सुधार नहीं है। बिंदकी तहसील के सरहन बुजुर्ग गांव के निवासी उमाकांत दीक्षित ने गांव के लेखपाल धर्मेन्द्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अमौली विकासखंड के सरहन बुजुर्ग गांव निवासी शिकायतकर्ता उमाकांत ने अपनी बेटी गरिमा के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन किया था। उमाकांत का कहना है कि लेखपाल ने आय प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में उनसे एक हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब उमाकांत ने रिश्वत देने से इंकार कर दिया तो लेखपाल ने उनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये दर्शाते हुए आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
उमाकांत ने बताया कि इससे पहले 16 सितंबर 2022 को जारी किए गए आय प्रमाण पत्र में उनकी वार्षिक आय 42 हजार रुपये दर्ज थी। उमाकांत ने कहा अचानक उनकी वार्षिक आय लेखपाल की नजर में 42 हजार सालाना से 8 लाख सालाना कैसे हो गई, ये तो वहीं बता सकते हैं। उमाकांत ने स्पष्ट किया कि उनके पास कोई खेती नहीं है और न ही किसी नौकरी में हैं।
उनकी आय पहले भी कम थी और वर्तमान में भी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि उनकी वास्तविक आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही आय प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए था मगर भ्रष्टाचार की वजह से जारी नहीं हो पाया। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत बिंदकी तहसील के अधिकारियों और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई है।
उन्होंने मांग की है कि उनका सही आय प्रमाण पत्र जारी किया जाए। साथ ही हल्का लेखपाल धर्मेन्द्र के खिलाफ उच्चाधिकारी कार्रवाई करें। मामले में क्षेत्रीय लेखपाल धर्मेन्द्र ने बताया कि टेक्नीकल फाल्ट से जीरो बढ़ गए हैं जिस कारण आय अधिक लग गई है। बिंदकी एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री ने कहा कि जांच कराई जाएगी।