लखनऊः बिहार से आए मरीज को लोहिया में नहीं मिला इलाज, 15 घंटे तक भटकते रहे तीमारदार

लोहिया संस्थान में नहीं सुधर रही इलाज की व्यवस्था

लखनऊः बिहार से आए मरीज को लोहिया में नहीं मिला इलाज, 15 घंटे तक भटकते रहे तीमारदार

लखनऊ, अमृत विचार: लोहिया संस्थान में इलाज की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा। यहां बिहार से आए फालिश अटैक मरीज को बिना इलाज ही वापस लौटना पड़ा। परिजन इलाज के लिए इमरजेंसी से ओपीडी तक भटकते रहे। हताश होकर मरीज को निजी अस्पताल ले गए।

इलाज के नाम पर इंतजार

बिहार सीवान निवासी अमरेंद्र कुमार (35) कुशीनगर तमकुहीराज में बिजली विभाग में एसएसओ है। अमरेंद्र को फालिश का अटैक पड़ गया। उसके बाएं पैर हाथ और अंग ने काम करना बंद कर दिया था। घबराए परिवारीजन गुरुवार सुबह उसे लेकर गोमती नगर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। हालात गंभीर होने पर गुरुवार रात ही मरीज को लोहिया संस्थान भेज दिया गया। भाई सुमन कुमार ने बताया कि वह गुरुवार रात को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी पहुंचे। वहां कुछ देर इंतजार करना पड़ा। रात 12:20 बजे स्ट्रेचर पर मरीज का इलाज शुरू हुआ। रात भर तीमारदार स्ट्रेचर पर ही मरीज को लेकर इमरजेंसी में पड़े रहे।

डॉक्टर ने नहीं किया भर्ती

सुमन ने बताया कि इमरजेंसी से सुबह अमरेंद्र को ओपीडी ले जाने को कहा गया। वह सुबह नौ बजे स्ट्रेचर पर ही उसे लेकर ओपीडी पहुंचे। न्यूरोलॉजी ओपीडी में डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने तीमारदारों से कहा कि मरीज को भर्ती करना पड़ेगा। फिर उसे इमरजेंसी भेज दिया। इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया गया। तीमारदार स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर ओपीडी के पोर्च में काफी देर तक खड़े रहे। ओपीडी के डॉक्टरों से गुहार लगाई कि किसी तरह से वार्ड में भर्ती करके इलाज शुरू कर दें, लेकिन शाम तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया। इस पर तीमारदार उसे लेकर चले गए। बोले कि लोहिया में गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक करीब 15 घंटे से अधिक बीत जाने पर भी भर्ती नहीं किया गया। 

 
इमरजेंसी में बेड की कमी है। वार्ड में मरीज को क्यों भर्ती नहीं किया गया। इस पूरे मामले को दिखवाया जाएगा। उचित कार्रवाई की जाएगी। 
–डॉ. एपी जैन, प्रवक्ता लोहिया संस्थान

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