पीलीभीत: फिरौती के लिए छात्र का अपहरण करने व पुलिस पर जानलेवा हमले के आरोपी को उम्र कैद

अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने सुनाया फैसला

पीलीभीत: फिरौती के लिए छात्र का अपहरण करने व पुलिस पर जानलेवा हमले के आरोपी को उम्र कैद

विधि संवाददाता/पीलीभीत, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने बारह वर्षीय छात्र का अपहरण कर फिरौती मांगने और पुलिस पार्टी पर हमला करने के मामले में सुनवाई के बाद थाना अमरिया क्षेत्र के ग्राम हरिहरपुर के आरोपी सूरजपाल पुत्र बाबूराम दोषी पाते हुए उम्र कैद और अड़तीस हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आयुध अधिनियम में भी आरोपी को तीन वर्ष की कैद और पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार वर्मा ने की।

संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थाना बरखेड़ा क्षेत्र के एक गांव निवासी वेदपाल गंगवार ने बरखेड़ा में रिपोर्ट लिखाई थी। जिसमें बताया कि उनका 12 वर्षीय बेटा जोकि कक्षा पांच में सनातन धर्म शिशु मंदिर पतरासा में पढ़ता था। इस विद्यालय में शहर के खकरा मोहल्ला निवासी अमित त्रिपाठी पुत्र शिव कुमार त्रिपाठी वादी के बेटे को पढ़ाता था। शिक्षक ने18 जुलाई 2012 को करीब 12.30 बजे विद्यालय की छुट्टी के बाद वादी के बेटे का अपहरण कर उसे कही ले गया। वादी तलाश करता रहा, लेकिन बेटा नहीं मिला। पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरु की । मामले के वादी से मिलकर बच्चे के अपर्हताओं द्वारा मांगी गई 2.10 लाख रुपये लेकर अपर्हताओं द्वारा बताए गए स्थान ग्राम डडियाभगत के जंगल में जो अमेड़ी नदी के पुल के पास है। वहां पहुंचने के बाद पूरी रकम अपर्हताओं को दे दी गई। जैसे ही आरोपियों को यह पता लगा कि पुलिस भी साथ है। पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस ने आरोपियों को फिरौती में दी गई दी गयी पूरी धनराशि बरामद कर ली और सूरज पाल के कब्जे से एक तमंचा चार जीवित कारतूस भी बरामद किए। दो आरोपियों सूरजपाल और डोरीलाल को मौके से पकड़ लिया गया। अग्रिम कार्यवाही करते हुए अपर्हत हुए बेटे को उसके पिता वेदपाल की सुपुर्दगी में पुलिस ने सौंप दिया। विवेचना के बाद पुलिस आरोपी डोरीलाल और सूरजपाल के विरूद्व आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना की अदालत में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी सूरजपाल को बच्चे को फिरौती के लिए अपहरण करने, पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने और आयुध अधिनियम में दोषी पाते हुए सजा सुनाई। इधर, इस मामले के दूसरे अभियुक्त डोरीलाल की पत्रावली का निस्तारण 30 जनवरी 2014 न्यायालय के द्वारा किया जा चुका है।


नाम बदलकर रची थी अपहरण की कहानी
आरोपी सूरजपाल ने बच्चे का अपहरण कर फिरौती के लिए नाम बदलकर पूरी कहानी रची थी। आरोपी सूरज पाल ही अपना नाम बदलकर अमित त्रिपाठी के रूप में सनातन धर्म शिशु मंदिर विद्यालय पतरासा पीलीभीत में अध्यापक के पद पर शिक्षण कार्य कर रहा था। इसी अध्यापक के द्वारा फिरौती की रकम वसूलने के लिए सुनियोजित ढंग से अपने ही छात्र का अपहरण कर उसे अपने कब्जे में निरुद्ध रखा गया।


ताजा समाचार