Kanpur: पांच वर्ष तक के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए चलेगा 'सांस' अभियान; सौ से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को मिलेगा प्रशिक्षण

Kanpur: पांच वर्ष तक के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए चलेगा 'सांस' अभियान; सौ से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को मिलेगा प्रशिक्षण

कानपुर, अमृत विचार। जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को निमोनिया से बचाव और मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से शासन ने सांस कार्यक्रम संचालित करने का फैसला लिया है। सांस का फुल फार्म सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली है। कार्यक्रम के संबंध में सौ से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आलोक रंजन ने कार्यक्रम की जिम्मेदारी एसीएमओ डॉ.रमित रस्तोगी को देते हुए उन्हें नोडल अधिकारी बनाया है। सीएमओ ने बताया कि सांस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को निमोनिया से बचाना और अभिभावकों को जागरूक करना है। इसके लिए छह अगस्त तक सौ से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण में निमोनिया के कारण, लक्षण, पहचान, उपचार व प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी।

प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी डॉक्टर और स्टाफ नर्स आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित करेंगे। निमोनिया व कुपोषण ग्रसित बच्चों की पहचान कर इलाज भी मुहैया कराया जाएगा। वहीं एसीएमओ डॉ. रमित रस्तोगी के मुताबिक सांस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समुदाय में जागरूकता पैदा करना, निमोनिया की पहचान करने में सक्षम व देखभालकर्ता को जागरूक करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से निमोनिया के मिथकों व धारणाओं के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है। 

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