पीलीभीत: दोस्त ने ही दे दिया दगा..सोना बताकर थमा दी पीतल की मोहरें, बिटिया की शादी में जरूरत पड़ने पर बेचने गए तो खुल गई पोल

पीलीभीत: दोस्त ने ही दे दिया दगा..सोना बताकर थमा दी पीतल की मोहरें, बिटिया की शादी में जरूरत पड़ने पर बेचने गए तो खुल गई पोल

पीलीभीत, अमृत विचार। व्यापार में मदद की बात कहकर जालसाज भाइयों ने पहले बचपन के दोस्त से डेढ़ लाख रुपये ठगे।  इसके बाद तकादा करने पर उसे न्यायिक अधिकारी की फर्जी मोहर व हस्ताक्षर लगा अभिलेख दे दिया और 60 एकड़ जमीन दान में मिलने की बात कह डाली। ये जमीन भी किसी दूसरे फार्मर की निकली।  इसके बाद शिकायत न करने की बात कहकर फर्जी सोने की तीन मोहर दे दी।  अब ग्रामीण बिटिया की शादी में जरूरत पड़ने पर दी गई मोहरें बेचने के लिए सराफ के पास पहुंचा तो पता चला कि ये तो सोना नहीं पीतल है।  मामले की एसपी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
             
गजरौला थाना क्षेत्र के ग्राम तकिया के रहने वाले श्रवन कुमार पुत्र रामप्रसाद ने एसपी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि गांव का ही एक युवक उसके साथ पढ़ाई कर चुका है।  उस पर काफी भरोसा था। आरोपी व उसका भाई बताते थे कि वह अल्मोड़ा से कच्चा सोना लाकर सुनार को दिया करते हैं। वर्ष 2012 में आरोपी ने कहा कि उनके रुपये कुछ सराफ के पास फंस गए हैं। पेमेंट नहीं हो रहा है और कच्चा सोना लेकर आना है।  

डेढ़ लाख रुपये जरुरत बताकर मांगे। पीड़ित ने रिश्तेदारों की मदद से डेढ़ लाख रुपये एकत्र करके दे दिए। एक साल में रुपये वापस करने का वादा किया गया। मगर इसके बाद भी लंबा समय बीतने पर रुपये नहीं लौटाए। तकादा करने पर आरोपी ने झांसा दिया कि पूरनपुर के एक व्यक्ति के पास उनका काफी कच्चा सोना है। अब वह काफी संपन्न हो चुके हैं। 

उनसे पीड़ित व कुछ अन्य ग्रामीणों को 2017 में 60.65 एकड़ जमीन दान स्वीकृत लिखाकर देने की बात कही। 10 अगस्त 2017 को आरोपी ने दस रुपये का स्टांप टाइप शुदा, जिसमें न्यायिक अधिकारी की भी मोहर लगी हुई थी। उसे दे दिया और कहा कि अब तुम मौज करो। कुछ समय बाद जब दान स्वीकृत वाली जमीन दिखाने को कहा। इस पर ग्राम महादिया के पास बहुत बड़े खेत को दिखा दिया।  जब उसकी जानकारी की गई तो पता चला वह एक सिख फार्मर की जमीन है। दिए गए कागजात की पड़ताल की तो वह भी फर्जी निकला। 

जिसे न्यायिक अधिकारी की मोहर लगाकर बनवाया गया था। फिर जब शिकायत करने की बात कही तो आरोपियों ने 600 ग्राम की तीन सोने की मोहर  बताकर दे दी। 17 जुलाई को पीड़ित की बेटी की शादी को लेकर जब एक सराफ के पास मोहर बेचने गए तो पता चला कि वह तो सोना है ही नहीं, वह तो पीतल की निकली। डेढ़ लाख रुपये वापस मांगे तो आरोपी ने धमकाना शुरू कर दिया। आरोपी के द्वारा दी गई फर्जी सोने की मोहरें और न्यायिक अधिकारी के हस्ताक्षर व मोहर वाला अभिलेख दिखाते हुए एसपी से सख्त कार्रवाई की मांग की। ये भी आरोप लगाया कि आरोपी लगातार उसे धमका रहा है। इससे संबंधित कुछ कॉल रिकॉर्डिंग भी दी गई हैं।  

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