हल्द्वानी: लैंड फ्रॉड के 13 मामलों में पुलिस दर्ज करेगी एफआईआर

हल्द्वानी: लैंड फ्रॉड के 13 मामलों में पुलिस दर्ज करेगी एफआईआर

हल्द्वानी, अमृत विचार। मंडलायुक्त/लैंड फ्रॉड समन्वय समिति के अध्यक्ष दीपक रावत ने मंगलवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक की। इसमें जमीनों की धोखाधड़ी के 13 मामलों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। इनमें अधिकांश मामले नैनीताल जिले के हैं। 

समिति की बैठक में लैंड फ्रॉड के 53 मामले सामने आए। इनमें जनपद नैनीताल के 45, ऊधम सिंह नगर के चार, अल्मोड़ा व बागेश्वर के दो-दो मामले हैं। शिकायतों की सुनवाई में शिकायतकर्ताओं को भी सुना गया।  सुनवाई के बाद समिति ने लैंड फ्रॉड के 13 मामलों में संबंधित पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। बाकी शिकायतों में विस्तृत जांच के बाद मामलों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

मंडलायुक्त रावत ने कहा कि कुमाऊं में जिन जनपदों में बंदोबस्ती की जा रही है, उन स्थानों पर जंगलात विभागीय भूमि की सीमांकन सूची का मिलान अवश्य कर लें। इसके अलावा जहां-जहां पिलर नहीं लगाए गए हैं, वहां-वहां सीमांकन के लिए पिलर लगा दिए जाएं।  उन्होंने कहा कि भूमि अतिक्रमण और फ्रॉड के मामलों में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए। भूमि फ्रॉड मामलों में जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।  

मंडलायुक्त ने कहा कि अधिकांश भूमि विवाद व प्लॉटिंग में कुछ प्रोफेशनल भू-माफिया व डीलर शामिल रहते हैं। जिस भूमि पर डीलर प्लाटिंग करता है वह उसकी नहीं होती है। उक्त भूमि की रजिस्ट्री भूस्वामी करता है। डीलर लेन-देन में अभिलेखों के अनुसार कही भी नहीं होता है। ऐसे प्रकरणों में क्रेता को भूमि क्रय करने से पहले भूमि के अभिलेखों की जांच लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसील  स्तर से करनी जरूरी है।

यह भी ध्यान दिया जाए कि कहीं जमीन पर बैंक से लोन तो नहीं लिया गया है। भूमि की खतौनी की भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करवाने अथवा लोगों को भूमि का सौदा करते समय भूमि को कानूनी करने के लिए कुछ लोग बार-बार हथकंडे अपनाते हैं, जो इस प्रकार की भूमि को क्रय करते हैं ऐसे लोगों से सावधान रहें तभी फ्रॉड से बच सकते हैं।

उन्होंने कहा इस प्रकार के लोग जो इस कृत्य में लिप्त पाये जाते हैं उनके खिलाफ लैंड फ्रॉड में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इस दौरान डीआईजी डॉ. योगेन्द्र रावत, कुमाऊं सीसीएफ विनय भार्गव, उपाध्यक्ष अभिषेक रूहेला, एडीएम पीआर चौहान व अशोक जोशी, अल्मोड़ा व बागेश्वर के डीएम भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद थे।