मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: पड़ाेसियों की गवाही पर ही होगी आपकी शादी, जानिए क्या तय किए गए नए नियम  

गड़बड़ी रोकने के लिए आवेदनों की होगी जांच, इस बार 15 सौ शादियां कराने का है लक्ष्य

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: पड़ाेसियों की गवाही पर ही होगी आपकी शादी, जानिए क्या तय किए गए नए नियम  

रीतेश श्रीवास्तव/बाराबंकी, अमृत विचार। सामूहिक विवाह योजना में अब आवेदन करने वाले लड़का और लड़की के पड़ोसियों से जानकारी जुटाई जाएगी कि वह अविवाहित हैं कि नहीं। यहीं नहीं वर और कन्या के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर भी होना जरुरी किया गया है। आवेदन के समय मोबाइल पर ओटीपी आएगा। जिसके बाद ही आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस संबंध में समाज कल्याण निदेशालय से मिले नए निर्देशों के बाद जिले में विभाग कार्यालय में आए आवेदनों की जांच नए सिरे से कराने की तैयारी में है ताकि किसी अपात्र को योजना का लाभ न मिल सके।

गौरतलब है कि बलिया जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुई गड़बड़ी की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अब इस योजना में सख्ती ज्यादा हो गई है। अब शादी का आवेदन करने वाले जोड़े का आधार लिंक कर मोबाइल पर ओटीपी से आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी की संस्तुति के अलावा जोड़े के छह पड़ोसियों से भी जानकारी जुटाई जाएगी, कि पात्र शादीशुदा तो नहीं है। इस जिले में भी एक बार अपात्र की शादी कराने का मामला प्रकाश में आया था हालांकि जांच के बाद उस मामले को पूरी तरह से नकार दिया गया था और नियमानुसार शादी कराने की बात प्रशासन द्वारा की गई थी लेकिन कई अन्य जिलों में हुई फर्जीवाड़े के बाद शासनस्तर से इसमें बदलाव किया है। इसके तहत अब आवेदन करने वाले वर और कन्या के करीब आधा दर्जन पड़ाेसियों से उनके अविवाहित होने की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। 

नवंबर माह में होने वाली सरकारी शादी के लिए करीब साढ़े आठ सौ आवेदन अब तक आ चुके हैं, जिनकी जांच की जा रही है। अब पड़ोसियों से जानकारी करने के आदेश के बाद इस बिंदु को भी जांच में शामिल कर फिर से जांच की जा रही है।

दुल्हन के खाते में भेजी जाती है 35 हजार की राशि 
जुलाई के बाद नवंबर और दिसंबर माह में शादी का मुहूर्त है। विभाग शादी की निर्धारित तिथि से पंद्रह दिन पहले आवेदनों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करेगा। सचिव आवेदक के घर जाकर सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही छह पड़ोसियों से भी तस्दीक करेंगे। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद जोड़ों को सामूहिक विवाह योजना का लाभ देने की रिपोर्ट लगाएंगे। योजना में एक शादी पर 51 हजार रुपये खर्च होते हैं। इनमें से 35 हजार की राशि दुल्हन के खाते में भेजी जाती है। 10 हजार रुपये के उपहार और छह हजार अन्य खर्च के मद में होता है।इस वर्ष विभाग को 1503 शादियों का लक्ष्य आवंटित हुआ है।

निदेशालय की टीम लेगी फीडबैक
सामूहिक विवाह योजना में अब आवेदन करने वाले लड़का और लड़की के पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरुरी है। आवेदन के समय मोबाइल पर ओटीपी आएगा। जिसके बाद ही आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। सात फेरे लेने वाले जोड़े सही है, इसकी पुष्टि के लिए समाज कल्याण विभाग ने लखनऊ में एक कमांड कार्यालय बनाया है। जहां से पूछताछ होगी कि शादी की गई है या नहीं। विभाग की तरफ से रुपये मिले या नहीं, उपहार में क्या-क्या मिला।

100 या उससे अधिक शादियों पर डीएम रहेंगे मौजूद
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पारदर्शिता बनाए रखने के उद्​देश्य से अब एक ही स्थान पर सौ या उससे अधिक जोड़ों की शादियों होने की स्थिति में जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। इससे कम जोड़ों के विवाह के अवसर पर उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा। इस संबंध में भी निदेशालय से विभाग को दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। 

वर्जन-
सामूहिक विवाह योजना में कई जिलों में शादीशुदा जोड़े शामिल होने की शिकायतें आईं थीं। अब पारदर्शिता के लिए पड़ोसियों की रिपोर्ट अहम होगी। इसके साथ ही निदेशालय से लड़के और लड़की से फीडबैक लिया जाएगा। -सुषमा वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

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