बरेली: रामगंगा खतरे के निशान के पार...100 से ज्यादा गांवों तक पहुंचा पानी, ग्रामीणों की सांसें गले में अटकीं

बरेली: रामगंगा खतरे के निशान के पार...100 से ज्यादा गांवों तक पहुंचा पानी, ग्रामीणों की सांसें गले में अटकीं

बरेली, अमृत विचार। रामगंगा का जलस्तर बृहस्पतिवार को 161 मीटर ऊंचाई पर खतरे का निशान पार कर गया। सुबह इसे 161.680 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो बाद में कुछ घटकर 161.120 मीटर पर आ गया। इस बीच रामगंगा के किनारे बसे सौ से ज्यादा गांवों के खेत-खलिहानों में नदी का पानी भरना शुरू हो गया और लाखों लोगों की सांसें हलक में अटकी रहीं।

बाढ़ खंड की रिपोर्ट के मुताबिक शाम को रामगंगा का जलस्तर कुछ घटा तो है लेकिन बहगुल, किच्छा समेत दूसरी नदियों में उफान की वजह से फिर बढ़ सकता है। तटीय क्षेत्र के 330 गांवों में बाढ़ का खतरा बरकरार है।

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बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से रामगंगा के किनारे गांवों के लोगों के लिए फिर अलर्ट जारी किया गया है। सभी बाढ़ चौकियों को भी लगातार सक्रिय रहने को कहा गया है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता नरेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि पिछले तीन-चार दिन में गोला बैराज से किच्छा नदी में करीब 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे रामगंगा और दूसरी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 48 घंटे में चौबारी में रामगंगा नदी के जलस्तर में करीब एक मीटर की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है।

उन्होंने बताया कि मुरादाबार में रामगंगा और कोसी नदी के जलस्तर में कमी हुई है लेकिन बरेली में किच्छा, भाखड़ा, दोजोड़ा, बहगुल समेत कई नदियां उफान पर हैं। इस कारण रामगंगा का जलस्तर कम-ज्यादा होते हुए तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि रामगंगा में फिलहाल 1.18 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है जो मध्यम श्रेणी की बाढ़ है। हालांकि अब तक सभी तटबंध सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी भी कराई जा रही है।

सहायक अभियंता अमित किशोर ने बताया कि बाढ़ की आशंका से करीब 330 तटीय गांवों को संवेदनशील चिह्नित किया गया है। सौ से ज्यादा गांवों के खेतों तक नदी का पानी पहुंच गया है लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। शाम के बाद नदी का जलस्तर गिर रहा है लेकिन फिर सभी चौकियाें को पूरी तरह सतर्क रखा गया है और 24 घंटे जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।

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