अयोध्या: भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ, भक्तों में रथ खींचने की रही होड़

अयोध्या: भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ, भक्तों में रथ खींचने की रही होड़

अयोध्या, अमृत विचार। जगन्नाथपुरी की तर्ज पर रामनगरी के 12 से भी अधिक मंदिरों से रविवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई। दिव्य-भव्य रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ के दर्शन को भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। भक्तों में रथ को खींचने की होड़ लगी रही। भगवान जगन्नाथ की जय, जय श्रीराम, सीताराम के जयघोष से देर शाम तक रामनगरी गूंजती रही। रथयात्रा का भक्तों द्वारा जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। इस दौरान भगवान जगन्नाथ की आरती भी उतारी गई। 

मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को भगवान बीमार हो जाते हैं। सात दिन तक भक्तों को दर्शन नहीं देते। स्वस्थ्य होने के बाद वह भाई बलराम व बहन सुभद्रा के साथ स्वयं रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। यहीं से रथयात्रा का प्रारंभ माना जाता है। इस परंपरा के निर्वहन के क्रम में रामनगरी में भी रविवार की शाम भगवान जगन्नाथ भाई बलराम व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण को निकले। रामजन्मभूमि से सटे जगन्नाथ मंदिर से निकली रथयात्रा भक्तों की श्रद्धा का केंद्र बनी। 

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महंत राघवदास के निर्देशन में निकली यात्रा में कलाकारों व भक्तों के नृत्य ने भी समां बांध दिया। महंत राघवदास ने बताया कि सुबह भगवान की मंगला आरती हई। उसके बाद औषधियों से स्नान कराया गया। भगवान बिल्कुल स्वास्थ्य होने के बाद नगर भ्रमण पर निकले हैं। इसके पूर्व भगवान को 9 प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगाया गया। 

मां सरयू के पूजन के बाद लौटी यात्रा 

रामजन्मभूमि से ही सटे राम कचेहरी मंदिर से भी महंत शशिकांत दास के संयोजन में भी भगवान जगन्नाथ को दिव्य रथ पर सवार कर रथयात्रा निकाली गई। बड़ास्थान दशरथ महल से शाम छह बजे महंत बिंदुगाद्याचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य की अगुवाई में भव्य रथयात्रा निकाली गई। इसी तरह एक दर्जन से अधिक मठ-मंदिरों से निकली रथयात्रा हनुमानगढ़ी, रानीबाजार, तपस्वी छावनी, रामघाट, हनुमान गुफा होते हुए सरयू तट पहुंची, जहां मां सरयू का पूजन-अर्चन करने के बाद देर शाम मंदिरों में लौट आई। इसके बाद मंदिरों में देर रात तक भगवान के पूजन-अर्चन, दर्शन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।

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