टनकपुर: कोसी की तर्ज पर गंडक नदी का भी होगा पुनर्जनन कार्य

टनकपुर: कोसी की तर्ज पर गंडक नदी का भी होगा पुनर्जनन कार्य

टनकपुर, अमृत विचार। आदर्श चम्पावत नोडल एजेंसी उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में जिला कार्यालय सभागार चम्पावत में जीआईएस डेटाबेस तैयार करने एवं चम्पावत की गंडक नदी पुनर्जनन को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला का शुभारंभ वर्चुवल माध्यम से यूकोस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक चम्पावत को मॉडल जिले के रूप में विकसित करने के लिए आईआईआरएस के साथ मिलकर यूकॉस्ट एक डैशबोर्ड तैयार कर रहा है। देश के विभिन्न संस्थानों का सहयोग लेकर मॉडल तैयार कर विभागवार लक्ष्य तय कर कार्य किए जा रहे हैं। डीएम नवनीत पाण्डे ने कहा कि अल्मोड़ा कोसी नदी की तर्ज पर चम्पावत की गंडक नदी का पुनर्जनन का कार्य भी किया जा रहा है, इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है।

जिसमें गण्डक नदी के रिचार्ज क्षेत्र कुल 15 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जिसमें बनलेख मुडियानी, खर्ककार्की, चौड़ा खर्कखेत, नाद बोरा, ढकना बडोला, छानिया, तल्लीमादली, पुनेठी, चौड़ा दुमखोरी, बरदोली, राकरी फुलारा, चौकुनी बोरा, छीरापानी व छीरापानी वनलेख हैं। इनमें प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक नोडल अधिकारी तैयार कर रिचार्ज के लिए एक कार्य योजना तैयार कर नदी पुर्नजनन के कार्य कराये जायेंगे।

कार्यशाला में यूकॉस्ट के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित कोसी नदी पुनर्जनन के विशेषज्ञ प्रो. जेएस रावत ने कहा कि प्रत्येक विभाग को अपना एक डेटाबेस तैयार करना होगा, जिसमें सभी आंकड़े (जिओ मैपिंग) दुरुस्त करने होंगे। प्रो. रावत ने कोसी नदी पुनर्जनन कार्य के अपने अनुभव साझा करते हुए गंडक नदी पुनर्जनन कार्य के बारे में भी जानकारी दी। यहां जिला प्रभारी जीआईएस केन्द्र नीरज फर्स्वाण, सीडीओ संजय कुमार सिंह, डीडीओ दिनेश दिगारी आदि मौजूद रहे।