टीम में लगातार बदलाव करना पसंद नहीं था, रोहित शर्मा के लिए सहायक की भूमिका निभाई : राहुल द्रविड़
मुंबई। राहुल द्रविड़ ने कहा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच के अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें टीम में बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं था और उन्होंने हमेशा कप्तान रोहित शर्मा के सहायक की भूमिका निभाई ताकि वह अपनी रणनीति के अनुसार चल सके। भारत के टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर जीत के साथ ही द्रविड़ का मुख्य कोच का कार्यकाल भी समाप्त हो गया।
द्रविड़ ने बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में कहा,‘‘मैं वास्तव में ऐसा व्यक्ति हूं जिसे निरंतरता पसंद है। मुझे बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं है। क्योंकि मेरा मानना है कि इससे बहुत अस्थिरता पैदा होती है और बहुत अच्छा माहौल नहीं बनता। उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि मैं उस टीम का हिस्सा हूं जिसकी जिम्मेदारी सही पेशेवर, सुरक्षित, संरक्षित वातावरण बनाना है जिसमें वास्तव में असफलता का डर न हो, लेकिन लोगों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त चुनौतियां हों। यह हमेशा मेरा प्रयास रहा है।
𝗧𝗵𝗲 𝗗𝗿𝗮𝘃𝗶𝗱 𝗙𝗮𝗿𝗲-𝘄𝗮𝗹𝗹 🫡
— BCCI (@BCCI) July 6, 2024
A coaching journey with a fitting finish 🏆
The connections. The environment. The commitment.
Hear it 🔽 from the man who played a pivotal role in the evolution of Indian cricket 🇮🇳 - By @RajalArora
Thank you, Rahul Dravid 👏👏
द्रविड़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद जब खिलाड़ी बाहर आए तो वह मुश्किल दौर था तथा उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें आधा दर्जन कप्तानों के साथ काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘‘मेरे कोच बनने के शुरुआती दौर में हम कोविड के प्रतिबंधों से बाहर निकल रहे थे। हमें तीनों प्रारूप में कार्यभार का प्रबंध करना था। कुछ खिलाड़ी चोटिल थे और इस कारण मुझे 8-10 महीने में पांच-छह कप्तानों के साथ काम करना पड़ा।’’ द्रविड़ ने कहा,‘‘यह कुछ ऐसा था जिसकी मैंने कल्पना नहीं की थी या इसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था लेकिन यह स्वाभाविक तौर पर हो गया।’’
द्रविड़ के कोच रहते हुए भारत ने इंग्लैंड को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में हराया और टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची। उन्होंने कहा,‘‘कोविड की पाबंदियां हटने के बाद सकारात्मक बात यह रही कि हमने काफी क्रिकेट खेली। पिछले ढाई वर्षो में हमने विशेषकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया। पिछले कुछ समय में हमने टेस्ट क्रिकेट में भी कुछ युवा खिलाड़ियों को अवसर दिया। द्रविड़ कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली को लंबे समय से जानते हैं। जब वह अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे तब इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।
उन्होंने कहा,मैंने वास्तव में रोहित के साथ काम करने का आनंद लिया जिसे मैं काफी समय से जानता था। मैंने उसे एक व्यक्ति और एक कप्तान के रूप में परिपक्व होते हुए देखा। मुझे उसकी टीम के प्रति प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों का ध्यान रखने की प्रवृत्ति वास्तव में बहुत अच्छी लगी। उसने टीम में ऐसा माहौल बनाया जिसने सभी सुरक्षित महसूस करें। यह ऐसी चीज है जिसकी मुझे कमी खलेगी। द्रविड़ ने कहा, यहां तक कि विराट के साथ भी जो कोच के रूप में मेरे शुरुआती दिनों में कप्तान थे। मुझे उन्हें जानने और समझने का मौका मिला और यह काफी रोमांचक था।
द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा प्रक्रिया पर ध्यान दिया जिसका कुछ अवसरों पर गलत अर्थ भी लगा दिए गए। उन्होंने कहा,‘‘मेरे लिए वास्तव में परिणाम महत्वपूर्ण थे। मैंने प्रक्रिया पर ध्यान दिया और लोगों को लगा कि मैं सोचता हूं कि परिणाम महत्वपूर्ण नहीं है। निश्चित तौर पर परिणाम महत्वपूर्ण था।’’ द्रविड़ ने कहा,‘‘मैं उस पद पर था जिसमें परिणाम महत्वपूर्ण था। लेकिन एक कोच के रूप में मुझे यह सोचना था कि वह कौन सी चीज हैं जिन्हें मैं नियंत्रित करके अनुकूल परिणाम हासिल करने में मदद कर सकता हूं। आखिर में मेरी जिम्मेदारी कप्तान को उसकी रणनीति पर सही तरह से अमल करने में मदद करनी थी।
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