Kanpur: बारिश से बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, प्रशासन ने तेज की तैयारियां, 54 गांवों की होगी किलेबंदी, बनेंगी 35 बाढ़ चौकियां

Kanpur: बारिश से बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, प्रशासन ने तेज की तैयारियां, 54 गांवों की होगी किलेबंदी, बनेंगी 35 बाढ़ चौकियां

कानपुर, अमृत विचार। बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ और राहत की तैयारियां तेज कर दी हैं। जिले के 54 गांवों में बाढ़ व राहत से किलेबंदी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए 35 बाढ़ चौकियां बनेंगी। नाव, नाविकों और गोताखोरों की टीम तैयार है। तटबंधों, पुल-पुलियां को मजबूत किया जा रहा है। तीन नदियों गंगा, रिंद व पांडु नदी में जलस्तर बढ़ने से जिले की 10219 हेक्टेयर जमीन प्रभावित होती है। 

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के आदेश पर आपदा प्रबंधन और सिंचाई विभाग ने बाढ़ प्रबंधन योजना बनाई है। तटबंधों, पुल-पुलियों को मजबूत किया जाने लगा है। बाढ़ राहत कैंप, लोगों को राहत सामग्री, चिकित्सा व्यवस्था के लिए नावें तैयार रहेंगी। गांव और पंचायत स्तर पर तैराकों को चिह्नित किया गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल उन्हें बुलाया जा सके। 

जिले में पानी आने से रोकने के लिए बंधियों का निरीक्षण व मरम्मत के काम की जिम्मेदारी टीमों को दी गई है। बोल्डर व बालू की बोरी की उपलब्धता भी होगी। बिजली के खंभों, तारों को मजबूत करने और बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था का जिम्मा केस्को के पास होगा। जिलाधिकारी ने राहत शिविर की स्थापना, अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती, नाव व नाविक की सूची, आपदा प्रबंधन समिति का गठन, मोटरबोट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। सदर तहसील छोड़कर अन्य तहसीलों में कोई मोटरबोट नहीं है।  

शहरी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव 

नगर में मकड़ीखेड़ा, सुखऊपुरवा, लक्ष्मीपुरवा, देवीपुरवा, मेहरबान सिंह का पुरवा, भौती प्रतापपुर आदि व मैनावती मार्ग के आसपास के करीब एक दर्जन गांवों में बाढ़ की संभावना रहती है, जिसे देखते हुए इस बार नगर क्षेत्र में 7 गांवों में बाढ़ चौकियों की स्थापना की जानी है। 

घाटमपुर में 35 व्यक्तिगत नाव 

घाटमपुर तहसील क्षेत्र में यमुना, रिंद व नोन नदी के कारण बाढ़ की स्थिति बनती है। यमुना के किनारे कटरी काटर, गड़ाथा, कोटरा, मकरन्दपुर, हरदौली रामपुर, समुही, लहुरीमऊ गांव चपेट में आते हैं। रिंद नदी से प्रभावित बरनांव, पतारा, पड़रीलालपुर गांव हैं। क्षेत्र में एक भी सरकारी नाव नहीं है। कुल 35 व्यक्तिगत नाव हैं। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हमीरपुर से भी नाव बुलाई जाती है। यमुना नदी में जलस्तर नाप यंत्र नहीं है। हमीरपुर के यंत्र से जानकारी मिलती है। बेंच मार्क किसी नदी पर नहीं है। 

नर्वल में तीन चौकियों के हवाले व्यवस्था 

नर्वल तहसील में तीन विकास खंड सरसौल, बिधनू, भीतरगांव हैं। यहां गंगा, रिंद व पांडु नदी है। बाढ़ से 12 गांव प्रभावित होते हैं। क्षेत्र में सिर्फ दो नाव हैं, बाकी सदर से 25 नाव भेजी जाती हैं। तिलसहरी नर्वल, नसडा, कुढवा, गौरिया, महुआ, भदासा, डोमनपुर, पिपरगवां, सुभौली, सलेमपुर, कुरियां, खरौटी, दीपापुर आदि गांव प्रभावित होते हैं। बाढ़ से निपटने के लिए तीन चौकियां बनाई जाती हैं। 

बिल्हौर में 49 गांव होते प्रभावित 

तहसील क्षेत्र में गंगा, पांडु, ईशन, नोन नदी हैं। गंगा के किनारे बसे हनुमानपुरवा, महिगवां, कटरी गदनपुर आहार, 
गौरी, मुहीउद्दीनपुर, नानामऊ, बोहनार, कटरी महिगवां, कटरी नानामऊ व महिगयां प्रभावित होते हैं। पांडु नदी से 19, ईशन से 14, गंगा से 9 व नोन नदी से 9 गांव समेत कुल 49 गांव प्रभावित होते हैं। जलभराव से सिर्फ कृषि क्षेत्र प्रभावित होता है। राहत के लिए 9 बाढ़ चौकियां बनाई जाती हैं। व्यक्तिगत कुल 82 नाव हैं। 

बाढ़ चौकियों में की जाती व्यवस्था 

बाढ़ चौकियों में लोगों की जरूरत के हिसाब से प्रमुख चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं। जैसे दवाएं, टीके, चना, लाही, आटा, गुड़, चावल, नमक, मोमबत्ती, माचिस व मिट्टी का तेल आदि की व्यवस्था की जाती है।

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