Chitrakoot: जिला पंचायत सदस्य के दौरे के बाद स्काई वाक ग्लास ब्रिज आया चर्चा में; पुल की गुणवत्ता पर उठे सवाल

Chitrakoot: जिला पंचायत सदस्य के दौरे के बाद स्काई वाक ग्लास ब्रिज आया चर्चा में; पुल की गुणवत्ता पर उठे सवाल

चित्रकूट, अमृत विचार। जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती के दौरे के बाद निर्माणाधीन स्काई वाक ग्लास ब्रिज चर्चा में आ गया है। ब्रिज के फाउंडेशन में पड़ी दरारें और निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। उधर, पर्यटन विभाग और कार्यदायी संस्था के लोग इस संबंध में लीपापोती करने की भी कोशिश में जुट गए हैं। 

गौरतलब है कि मानिकपुर तहसील क्षेत्र के टिकरिया गांव में रानीपुर टाइगर रिजर्व में तुलसी जल प्रपात के पास प्रदेश का पहला स्काई वाक ग्लास ब्रिज बन रहा है। इसके निर्माण के पीछे पर्यटकों को आकर्षित करने की मंशा है कि वे झूलते पुल से वन्य छटा को निहारें। बुधवार को यह पुल तब चर्चा में आया जब जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती इसे देखने पहुंच गईं। 

आसपास बने चबूतरों में पड़ी दरारों को उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया तो इस निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठने लगे। मीरा सरदार सेना की बुंदेलखंड प्रभारी और स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति चित्रकूट की अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में बन रहे इस पुल को देखने वह बुधवार को गई थीं। इसके पीछे मंशा यह थी कि पुल की गुणवत्ता को देखा जाए। 

क्योंकि वन में बनने वाले इस पुल को लेकर अगर मानक का ध्यान नहीं दिया जाएगा तो क्षेत्र की जनता के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। उधर, पुल को देखने के बाद जब मीरा ने इसके फोटो सोशल मीडिया और अन्य जगहों में साझा किए तो प्रदेश का अपनी तरह का पहला पुल चर्चा में आ गया। 

सीएम के दौरे के दौरान होती है गिरफ्तारी

जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने आरोप लगाया कि इस पुल में मानक का ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि वह इसलिए भी वहां गई थीं कि पुल का काम देखें और वहां का वीडियो बना लें। बताया कि सुन रहे हैं कि पुल का उद्घाटन करने सीएम आएंगे। आवाज उठाने पर सीएम के दौरे के दौरान उनको गिरफ्तार कर लिया जाता है इसलिए उन्होंने इस बार पहले से ही इस काम के फोटो और वीडियो अपने पास रख लिए हैं। 

गौरतलब है कि वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से 3.70 करोड़ रुपये से ग्लास स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। पुल निर्माण की जिम्मेदारी गाजीपुर की पवन सुत कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई है। इसके जनरल मैनेजर अमरेश सिंह के मुताबिक, पुल का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बनाए गए ढांचे पर पेंटिंग की जा रही है। कांच का काम बाकी है। उनके मुताबिक सितंबर तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा।

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