बाराबंकी: पुरानी रंजिश को लेकर लिखाया था लूट का झूठा मुकदमा, सख्ती करने पर कबूला

पूछताछ में बयान बदलने पर पुलिस को हुआ शक, सख्ती करने पर कबूला

बाराबंकी: पुरानी रंजिश को लेकर लिखाया था लूट का झूठा मुकदमा, सख्ती करने पर कबूला

बाराबंकी, अमृत विचार। बिजली का पोल व केबिल को हटाने को लेकर उपजे विवाद व मारपीट को लेकर साजिश के तहत झूठा मुकदमा लिखाने के आरोपी थाना क्षेत्र रामनगर के तारापुर गुमान निवासी विजय प्रकाश मिश्रा के खिलाफ बदोसराय थाने में विधिक कार्रवाई की गई।

पूरा मामला रामनगर थाना क्षेत्र के तारापुर गुमान का है। यहां के रहने वाले वादी विजय प्रकाश मिश्रा ने बदोसराय थाने में तहरीर देकर बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ टीवीएस मोपेड से मरकामऊ बैक आफ इंडिया शाखा से लभग डेढ़ बजे पचास हजार रूपये निकलवाकर पत्नी के साथ वापस घर लौट रहा था।

इसी बीच रानीगंज मार्ग पर मुर्गी फार्म के आगे ग्राम मधवापुर के पास पीछे से आ रही मोटरसाइकिल पर सवार दो अनजान व्यक्ति उनकी पत्नी के हाथ से रुपयों का बैग छीनकर रानीगंज बाजार की तरफ भाग गये। वादी विजय प्रकाश की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए बदोसराय पुलिस टीम थाना प्रभारी संतोष कुमार, स्वाट व सार्विलेंस टीम का गठन कर घटना के खुलासे का निर्देश दिया। 

गठित टीम ने स्वाट सार्विलेंस, मैनुअल इंटेलीजेंस व डिजिटल डाटा की मदद से घटना का जो खुलासा किया वह चौकाने वाला था। पुलिस पूछताछ में यह बात छन कर निकली कि वादी विजय प्रकाश ने रंजिशन गांव के ही विपक्षी वीरेंद्र सिंह की मोटर साइकिल का नंबर देकर विपक्षी को पुलिस के जाल में फंसाने के लिए झूठी लूट की कहानी रच घटना में फसाने की फिराक में था। 

इसी कारण उसने झूठी लूट की घटना की सूचना देकर विपक्षी के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित टीम द्वारा पूछताछ में विजय प्रकाश और उसके पुत्र मुकेश व दामाद रवि पाठक के बयान में अलग-अलग बातें निकलकर सामने आईं। बयान में भिन्नता व बार-बार बयान बदलने पर मामले को संदिग्ध पाते हुए पुलिस ने मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलई। उसमें देखा तो वादी विजय प्रकाश के बयान की पुष्टि नहीं हुई। 

वादी विजय प्रकाश द्वारा लूट के दौरान जिस मोटरसाइकिल का नंबर बताया गया वह उसी के गांव के रहने वाले विपक्षी वीरेंद्र सिंह की बाइक का था। जबकि वीरेंद्र की मोटरसाइकिल उस दिन घर पर ही मौजूद थी। पुलिस की सख्ती के बाद वादी विजय प्रकाश ने यह स्वीकार किया कि विपक्षी वीरेंद्र सिंह से बिजली का पोल व केबल हटाने को लेकर विवाद के दौरान मारपीट होने के कारण रंजिश थी।

 इसी का बदला लेने के लिए विपक्षी वीरेंद्र को झूठे मुकदमे में फसाने के लिए लूट का झूठा मुकदमा दर्ज कराया। वादी विजय प्रकाश ने पूछताछ में यह भी बताया कि निकाले गए पैसे उसने अपने दामाद रवि पाठक व पत्नी के जरिये  पहले ही घर भिजवा दिये थे। पुलिस ने विजय प्रकाश द्वारा झूठी लूट के नाम पर बताये पचास हजार रूपये विजय प्रकाश के घर से बरामद कर लिये। विपक्षी को झूठे मुकदमे में फंसाने की नीयत से लूट का मुकदमा लिखाने के लिए पुलिस विजय प्रकाश के विरुद्ध विधिक कार्रवाई कर रही है।

यह भी पढ़ें:-Akhilesh Yadav Birthday: अखिलेश यादव का जन्मदिन आज, कार्यकर्ताओं में उत्साह, सीएम योगी ने दी जन्मदिन की बधाई