सुलतानपुर: अधिवक्ता परिषद ने कानून की जानकारी साझा की
1 जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता 2023 होगी लागू

सुलतानपुर, अमृत विचार। दीवानी अधिवक्ता सभागार में शनिवार को अधिवक्ता परिषद अवध के द्वारा नये कानून की जानकारी साझा की गई । बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष करुणाशंकर द्विवेदी व वीरेंद्र चतुर्वेदी ने की। बैठक में विहिप विधि प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष एडवोकेट अरविन्द सिंह राजा ने नये कानून व पुराने कानून की समीक्षा करते हुए कहा पुराना कानून भारतीय दण्ड संहिता 1860 में बनी तथा उसे दो साल की चर्चा व परिचर्चा के बाद लागू किया गया था वही नये कानून को मात्र छह माह के भीतर लागू करना उचित नही है।
हालांकि सरकार के मंसूबे ठीक हैं जिससे वादकारियों व आरोपियों दोनों को लाभ होगा। अब भारतीय दंड संहिता का नाम भारतीय न्याय संहिता किया गया है जो न्याय दिलाने में विश्वास करता है। श्री राजा ने कहा नये कानून में शून्य एफआईआर अब कही से भी ई- फइलिंग के जरिए दाखिल किए जा सकते हैं जो पहले के कानून में नही था वही अब वारंट व अन्य कारवाई इलेक्ट्रॉनिक संसाधन से की जा सकेगी।
पूर्व महासचिव अशोक यादव ने कानून लागू करने की जल्दबाजी पर सवाल उठाए। पूर्व अध्यक्ष करुणाशंकर द्विवेदी ने नये कानून पर एफआईआर व अन्य विषयों पर जानकारी दिया ।अधिवक्ता परिषद अध्यक्ष हरिश्चन्द्र दुबे एडवोकेट ने कार्यक्रम मे पधारे सभी अधिवक्ता बंधुओ का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम कार्यक्रम का संचालन सर्वेश कुमार मिश्रा ने किया। कार्यक्रम मे सूर्यनाथ यादव, अतुल यादव, संतोष मिश्रा ,कौशल श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह, देवेन्द्र पाठक ,अधिवक्ता परिषद उपाध्यक्ष देवेन्दर मिश्र, प्रशांत सिंह ,अंश सिंह , मृत्युंजय सिंह,सजल सिंह, राघवेन्द्र सिंह, रविप्रकाश दुबे , अनिल सिंह आदि रहे।
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