बाराबंकी: शुद्ध पानी का इंतजार, हिचकोले खा रही जल जीवन मिशन योजना

849 में मात्र 15 परियोजनाएं पूरी तरह से हो सकीं तैयार, करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीणों को मिलना है टोटी से पानी

बाराबंकी: शुद्ध पानी का इंतजार, हिचकोले खा रही जल जीवन मिशन योजना

रीतेश श्रीवास्तव/ बाराबंकी, अमृत विचार। ग्रामीण अंचलों में घर-घर शुद्ध पेयजल मुहैया कराने को शुरू की गई हर घर नल योजना हिचकोले खाती नजर आ रही है। स्थिति यह है कि करीब 550 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही 849 जल परियोजनाओं में से मात्र 15 परियोजनाओं का काम ही पूरी तरह से शतप्रतिशत हो सका है। जबकि अभी 834 परियोजनाओं का काम अधूरा पड़ा है।  

जल निगम के अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर तक सभी परियोजनाओं का काम पूरा करा लिया जाएगा। यह दीगर बात है कि जब दो साल में महज 15 परियोजनाएं ही पूरी तरह से तैयार हो सकी हैं। ऐसे में छह माह में 834 परियोजनाएं कैसे पूरी होगी, इसका अंदाजा काम की रफ्तार को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। हालांकि विभाग का दावा है कि जिले में 50 फीसदी ग्रामीण आबादी को टोटी से शुद्ध पानी मुहैया कराया जा रहा है।

तराई के इस जिले में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 में 849 जल परियोजनाओं को मंजूरी मिली थी। करीब 550 करोड़ रुपए की लागत की इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन बिछाने के साथ पंप हाउसों का निर्माण और सोलर पैनल से संबंधित कार्य कराए जा रहे हैं। कार्य कराने की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसियों को दी गई है। शुरूआती दौर में कहीं जमीनी विवाद तो कहीं सड़कों की खुदाई आदि को लेकर योजना विवादों से घिरी रही।  

जल निगम के अफसरों ने प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से योजना में आड़े आ रहे विवादों का जैसे-तैसे समाप्त किया, इसके बाद सभी परियोजनाओं पर काम शुरू कराया गया, लेकिन योजना रफ्तार नहीं पकड़ सकी। पहले चरण में 157 गांवों में पेयजल परियोजनाएं पूूरी करने की बात कही गई थी। इस कार्य की जिम्मेदारी गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड (रेमिकी) को दी गई है। इन परियोजनाओं को अक्टूबर 2022 तक पूरा करने की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई थी।

वहीं दूसरे और तीसरे चरण में शेष 692 परियोजनाओं को इसी साल यानी 2024 में पूरी करने की बात कही जा रही है। विभाग द्वारा बताया गया है कि अभी तक पूरी तरह से 15 परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं। जबकि 750 गांवों में पाइप लाइन के जरिए घर-घर टोटी से शुद्ध पेजयल पहुंचाया जा रहा है। शेष बचे करीब पौने चार सौ गांवों में अक्तूबर तक पानी की सप्लाई होने की बात कही गई है। वहीं दिसंबर 2024 तक सभी परियोजनाओं को हर तरह से पूर्ण कर लिया जाएगा। दो साल में मात्र 15 परियोजनाएं पूरी करने के बाद छह माह में शेष परियोजनाएं पूरी करने का दावा चौंका रहा है। 

पाइप लाइन बिछाई, नहीं बनाई सड़क

गांवों में पाइप लाइन बिछाने के बाद उसे सही से बनाया नहीं गया है। ऐसे में सिर पर खड़ी बारिश से ग्रामीणों को इस संकट से भी जूझना पड़ सकता है। वहीं जल निगम के अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि दो माह के खोदी गईं सड़कों को सही करा दिया जाएगा यानी की बारिश के बीच खोदी गई सड़कों से ग्रामीणों को गुजरना होगा। निगम की यह लापरवाही से जानमाल का भी नुकसान हो सकता है।

कल्स्टर व सिंगल बन रहीं टंकियां

योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने के साथ ही गांवों में पानी की टंकी का भी निर्माण कराया जा रहा है। इसके तहत दो गांवों के बीच की दूरी और आबादी के हिसाब से कल्स्टर के रूप में दो टंकी बनाई जा रही है। वहीं छोटे गांवों सिंगल पानी की टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा यहां बिजली कनेक्शन, सोलर पैनल के साथ रखरखाव की भी व्यवस्था की जा रही है। 

जल जीवन मिशन के तहत जनपद में जल परियोजनाओं पर काम तेजी से चल रही है। 15 परियोजनाएं पूरी कर ली गई है। बाकी परियोजनाएं दिसंबर तक पूर्ण हो जाएंगी। इसे लेकर काम में तेजी लाई जा रही है। कार्यदायी संस्थाओं को जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं...,इं.अमित कुमार, अधिशासी अभियंता,  जल निगम।

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