साइबर अपराधियों का कारनामा: दंपति समेत चार लोगों से 3.86 करोड़ रुपये ठगे

किसी से पुलिस अफसर तो किसी को सीबीआई अधिकारी बनकर झांसे में लिया

साइबर अपराधियों का कारनामा: दंपति समेत चार लोगों से 3.86 करोड़ रुपये ठगे

ठगी का पता चलने पर पीड़ितों ने साइबर थाना में दर्ज कराई रिपोर्ट

लखनऊ, अमृत विचार: किसी अनजान जगह पर सेफ हाउस में बैठे साइबर अपराधी किसी भी समय लोगों को जाल में फंसाकर डरा धमका कर करोड़ों रुपये वसूल रहे हैं। मामला दर्ज करने के बाद भी पुलिस इन अपराधियों तक पहुंचने में नाकाम रहती है। ऐसे में इन अपराधियाें के हौसले बुलंद हैं। अब साइबर अपराधियों द्वारा दंपति समेत चार लोगों से 3.86 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है।

फिलहाल पीड़िताें ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। किसी के साथ पुलिस अफसर ताे किसी को सीबीआई अधिकारी बन मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज होने के नाम पर ठगा गया है। फिलहाल हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी दंपति से हुई 2.71 करोड़ की ठगी के पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपियों की तलाश में टीमें आगरा के लिये रवाना की गई हैं। जल्द ही वारदात का खुलासा होने की उम्मीद है। अन्य मामलों में भी पुलिस आरोपियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की तैयारी में है।

डिजिटल अरेस्ट :  फर्जी अरेस्ट वारंट भेज, दंपति से ठगे 2.71 करोड़

हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र के अशोक मार्ग निवासी दीपा रस्तोगी पत्नी डॉ. पंकज रस्तोगी ने साइबर थाने में प्रार्थना-पत्र दिया। बताया 9 जून को दाेपहर करीब 2 बजे उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आई। उधर से बोल रही महिला ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर के सर्विस डिपार्टमेंट की कर्मी बताया। कहा 2 अप्रैल को आपने क्रेडिट कार्ड इश्यू कराया था। जिसमें से 109669 रुपये खर्च किये हैं। उससे कार्ड जारी नहीं कराने की बात कही तो रवी कुमार नामक युवक ने व्हाटसअप पर वीडियो काल कर कहा आपकी आईडी का गलत उपयोग हुआ है। मेरा आधार लेकर अरेस्ट वारंट भेजा। बताया आप सुरेश अनुराग मनी लान्ड्रिग केस में सस्पेक्ट हैं। ये केस नेशनल सीक्रेट से जुड़ा है किसी को बताना नहीं।

आरोपी के घर से आपका एटीएम कार्ड मिला है। आपके खाते में 25 लाख रुपये ट्रांसफर किया गया। इस केस से निकलने के लिये नवजोत सिम्मी का नंबर दिया। जिस पर वीडियो काल करने पर दूसरी तरफ महिला पुलिस की वर्दी में दिखी। इसके बाद दंपति को डरा कहा कि अरेस्ट वारंट होल्ड रखूंगी। कहा कि आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। कई आदमी आपके 3 किमी के दायरे में सादे कपड़े में सुरक्षा में तैनात हैं। केस से बचाने के लिये रुपयों की डिमांड की। इसके बाद 10 अप्रैल से 13 जून तक अलग-अलग खातों में 2,71,10,000 रुपये ट्रांसफर करा लिये। इसके बाद और राशि की मांग की। तब उन्हें ठगी का पता चला। साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये टीमें रवाना की गई हैं।

68 मिलियन की धोखाधड़ी में आरोपी बता युवती से हड़पे 13.73 लाख

इंदिरानगर निवासी मानवी मेहरोत्रा ने साइबर थाने में प्रार्थना-पत्र दिया। बताया 23 मई को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आई। उधर से बताया गया कि वह ट्राई से बोल रहा है। आपके नाम से दूसरा सिम एक्टिवेट है जिससे गलत मैसेज भेजे जा रहे हैं। आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मनी लाॅड्रिंग का मामला है। आरोपी ने अपना परिचय आईपीएस सुनील कुमार गौतम निवासी नेहरु नगर पुलिस स्टेशन दिल्ली के रूप में दिया।

इसके बाद व्हाटसअप नंबर से काल कर कहा कि मामले में आपसे सीबीआई अफसर बात करेंगे। इसके बाद किसी से बात कराई, उसने कहा कि आपको हर घंटे अपनी लोकेशन भेजनी है और किसी से इस संबंध में बात नहीं करनी है। बताया आपके अकाउंट में 40000 रुपये हर महीने भेजे जा रहे हैं। इसमें 68 मिलियन का फ्राड हुआ है। मामले में बैंक मैनेजर संदीप कुमार को पकड़ा गया है। उन्होंने आपका नाम लिया है। आरोपी ने फर्जी अरेस्ट वारंट भी भेजा। जिस पर दिल्ली पुलिस का लोगो था। 24 मई को अकाउंट नंबर में 13,73,653 रुपये यह बोल कर ट्रांसफर करा लिये कि कोर्ट में जमा हाेंगे जो आधे घंटे बाद पुन: वापस कर दिये जायेंगे। जब 27 मई को दोबारा और 12 लाख रुपये ट्रांसफर करने काे कहा तो पीड़िता को ठगी का पता चला। पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

कंपनी सेबी से संबद्ध बताकर मोटे लाभ का झांसा दे ठगे 93.53 लाख

गोमतीनगर विस्तार थाना क्षेत्र निवासी कुलदीप के मुताबिक, 21 अप्रैल को साइबर अपराधियों ने उन्हें एक ग्रुप में जोड़ स्टॉक एक्सचेंज में मोटे मुनाफा का झांसा दिया। संबंधित कंपनी को सेबी से संबद्ध होने की बात बोल उसे भरोसे में लिया। इसके बाद एक एप डाउनलोड कराया। जिसमें विभिन्न बैंक खातों से 6 जून तक कुलदीप ने 93,53,500 रुपये जमा कर दिये। इसके बाद आरोपियों द्वारा बनाये गये उसके खाते में मुनाफे की रकम 6.40 करोड़ दिखने लगी। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी रकम उसके खाते में ट्रांसफर नहीं हुई। जब इस संबंध में बात की तो 20 फीसदी टैक्स जमा करने पर जमा राशि ट्रांसफर होना बताया। तब कुलदीप को ठगी का पता चला। कुलदीप के प्रार्थना-पत्र पर साइबर थाने में आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है।

ट्रेडिंग में अधिक लाभ के झांसे में आकर गंवाये 7.91 लाख

कैंट क्षेत्र के ऑफिसर्स मेस निवासी पूनम पत्नी हरमनजीत सिंह के मुताबिक, 10 मई को उसके मोबाइल नंबर को एचडीएफसी सिक्योरिटी नामक व्हाटसअप ग्रुप में एड किया गया। एडमिन ने मैसेज डालकर बताया कि ट्रेडिंग से कम पैसे लगाकर अधिक लाभ ले सकती हैं। झांसे में आकर भेजे गये लिंक के माध्यम से एप डाउनलोड कराया।

इसके बाद पूनम ने अपने व पति के बैंक खातों से 17 मई से 2 जून तक 7.91 लाख रुपये जालसाजों द्वारा दिये बैंक खाता नंबरों में ट्रांसफर कर दिये। जब जमा पूंजी निकालनी चाही तो कमीशन के रूप में 30 फीसदी राशि और जमा करने को कहा। तब पीड़िता को ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाना में पीड़िता के प्रार्थना-पत्र पर आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

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