सरकारी अस्पताल: सादे कागज पर बन रहा ओपीडी का पर्चा, दवा बांट रही नर्सिंग छात्राएं

सरकारी अस्पताल: सादे कागज पर बन रहा ओपीडी का पर्चा, दवा बांट रही नर्सिंग छात्राएं

लखनऊ, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गुडंबा में सरकारी पर्चे के बजाय सादे कागज पर अस्पताल की मुहर लगाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। दवाएं भी फार्मासिस्ट के बजाय नर्सिंग छात्राएं (प्रशिक्षु) वितरित कर रहीं हैं। ओपीडी के समय कोई जिम्मेदार अफसर भी मौजूद नहीं रहता। बुधवार को इसको लेकर कई मरीजों ने नाराजगी जाहिर की। दवा वितरण काउंटर पर भी मरीजों ने एतराज जताया।

गुडंबा सीचसी की ओपीडी में रोजाना औसतन 150 से 200 मरीज आते हैं। बुधवार को टीकाकरण दिवस होने के चलते संख्या अधिक थी। गुडंबा निवासी नाजिया अपने चार माह की भतीजी फातिमा को टीका लगवाने के लिए लाई थी। पंजीकरण काउंटर पर उन्होंने एक रुपये देकर पर्चा बनवाया। पर्चा सरकारी होने के बजाय सादे कागज पर बना कर दिया गया। जिस पर रजिस्ट्रेशन नंबर 20781 दर्ज था। पूछने पर बताया गया कि यही पर्चा मान्य है। कुर्सी रोड मिश्रपुर निवासी लवकुश (38) का पर्चा नंबर 20783 हैं। उन्हे भी सादे कागज पर ही पर्चा दिया गया। इस पर्चे पर डॉक्टर बाकायदा दवाएं भी लिख रहे हैं। 

नर्सिंग छत्राओं ने कहा डॉक्टर की लिखावट समझ मे नहीं आ रही

दवा काउंटर पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग काउंटर हैं। बुधवार को महिला काउंटर बंद था। एक ही काउंटर पर महिला पुरुष दोनों मरीजों की लाइन थी। अंदर फार्मासिस्ट के बजाय नर्सिंग छत्राएं दवा बांट रहीं थी। लेकिन उन्हें डॉक्टर की लिखावट समझ मे नहीं आ रही थी। इससे कई मरीज बिना दवा लिए ही लौट गए। एक मरीज ने बताया कि डेढ़ घंटे से अधिक समय से वह लाइन में लगे हैं। लेकिन दवाएं नहीं मिल सकी। एक अन्य ने बताया जो दवाएं मिली थी उन्हें डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि छात्राओं ने गलत दवाएं दे दी हैं। जिसके बाद दोबारा से दवा बदलवानी पड़ी। इसको लेकर कई मरीजों ने नाराजगी भी जताई।

मोबाइल में सेव नंबर ही उठाते हैं अधीक्षक

ओपीडी के समय केंद्र प्रभारी डॉ. विनय कुमार भी केंद्र में मौजूद नहीं थे। उनके कमरे में ताला लटक रहा था। अमृत विचार संवाददाता ने केंद्र पर लिखे उनके मोबाइल नंबर 888789505 पर दोपहर 12:28 बजे कॉल की, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद 1:46 बजे, 5:39 बजे और 5:40 बजे भी कॉल की गई। हर बार पूरी कॉल जाने के बावजूद फोन नहीं उठा। सके बाद सीएमओ को कॉल की गई। सीएमओ की फटकार के बाद सीएचसी प्रभारी ने कॉल कर कहा कि आपका नंबर सेव नहीं था इसलिए नहीं उठाए। हमें लगा कि किसी बीमा कंपनी के एजेंट का फोन आ रहा है।

यह बोले अधिकारी

सादे कागज पर मरीज देखना नियम विरुद्ध है। पर्चे खत्म हो गए थे तो उन्हें छपवाने की जिम्मेदारी केंद्र प्रभारी की है। रोगी कल्याण समिति की निधि का इस्तेमाल किया जा सकता है। बिना फार्मासिस्ट के दवाएं बंटवाना भी गलत है। इस पर केंद्र प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
- डॉ. मनोज अग्रवाल, सीएमओ

पर्चा छापने के लिए वेंडर को बोला गया है। जल्द पर्चे उपलब्ध हो जाएंगे। यदि काउंटर पर फार्मासिस्ट नहीं था तो उसे नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगेंगे। 
- डॉ. विनय कुमार, सीएचसी प्रभारी गुडंबा

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