''टूरिस्ट गैप एनालिसिस'' के जरिए होगा ''आध्यात्मिक सर्किट'' का विकास

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार

''टूरिस्ट गैप एनालिसिस'' के जरिए होगा ''आध्यात्मिक सर्किट'' का विकास

राज्य ब्यूराे, लखनऊ, अमृत विचार। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। आध्यात्मिक सर्किट के पर्यटन विकास को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें पर्यटन स्थलों के सर्वे व टूरिस्ट गैप एनालिसिस के जरिए आध्यात्मिक सर्किट का विकास किया जाएगा।

उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में मेगा टूरिज्म सर्किट्स के साथ ही पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए आध्यात्मिक सर्किट भी विकसित किए जा रहे हैं। छिपी संभावनाओं को लक्ष्य मानकर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए यूपी टूरिज्म पॉलिसी डॉक्यूमेंट 2022 के अनुसार सूचना, स्वागत, सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता, संरचना व सहयोग आदि मानकों का ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि बीते कुछ सालों में प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थल, देश के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में शामिल हुआ हैं। काशी विश्वनाथ और अयोध्या धाम ने प्रदेश को टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित किया है। अगले साल 2025 में प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन होगा, जिसमें कम से कम 30 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है।

ऐसे में, टूरिस्ट गैप एनालिसिस के लिए एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जाएगा। इसके जरिए आध्यात्मिक सर्किट समेत विभिन्न सर्किट्स में पर्यटन विकास की प्रक्रिया को एक नई दिशा मिलेगी। साथ ही इस रिपोर्ट से ब्रांडिंग व मार्केटिंग की संभावनाएं पता चलेंगी, टूरिस्टों की संख्या के आधार पर क्षमता समेत अन्य मानकों का निर्धारण होगा। इन्हीं मानकों के आधार पर टूरिस्ट डेस्टिनेशन के विकास के लिए स्ट्रैटेजी को अपनाई जाएगी।

फोटोग्राफी, वीडियो क्लिप्स व ड्रोन कवरेज से होगा सर्वे

उप्र. पर्यटन विभाग द्वारा चयनित एजेंसी से टूर्सिट डेस्टिनेशंस की फोटोग्राफी व वीडियो क्लिप्स की रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी, जिसे डीपीआर में शामिल किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर ड्रोन सैंपलिंग और ड्रोन द्वारा भी फोटो-वीडियो कैप्चरिंग कवरेज कराई जाएगी।

यह भी पढ़ें-  बरेली: प्लॉट पर कब्जे की कोशिश में बीडीए की चारदीवारी पर भी चला दिया बुलडोजर, नुकसान का किया आंकलन