बरेली: iRad App में अब चार और बिंदुओं पर रिकॉर्ड होंगी सूचनाएं

सड़क निर्माण एजेंसी, मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल और बीमा को भी किया जाएगा शामिल

बरेली: iRad App में अब चार और बिंदुओं पर रिकॉर्ड होंगी सूचनाएं

अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस यानी आईराड एप का दायरा और बढ़ा दिया गया है। अब एप में चार और बिंदुओं पर सूचनाएं रिकॉर्ड करने के लिए स्टेक होल्डर (हित धारकों) को शामिल किया गया है।

केंद्र सरकार की ओर से 2021 में आईआईटी मद्रास की मदद से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस मोबाइल एप लांच किया गया था। अब इसे इडार (ई-डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया चल रही है। पहले इस एप में पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग को ही शामिल किया गया था। 

एप में इन विभागों के स्तर से सूचनाएं भरनी थी, लेकिन अब एप को अपडेट करते हुए चार और बिंदुओं को बढ़ाते हुए स्टेक होल्डरों को शामिल कर दिया है, जिसमें रोड ओनिंग एजेंसी (लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई), मैक्ट (मोटर एक्सीडेंट्स क्लेम ट्रिब्यूनल), लीगल सर्विस अथॉरिटी (कोर्ट से संबंधित मामले) और इंश्योरेंस (बीमा के मामलों) के बिंदु लिए गए हैं। जानकारों के अनुसार इस पर आईआईटी मद्रास की टीम काम कर रही है। आने वाले कुछ समय में इन बिंदुओं पर भी सूचनाएं एप पर अपलोड होने लगेंगी, इससे इनसे संबंधित मामलों काे भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा। एप में शामिल हुए स्टेक होल्डरों को पूरी तरह से अपडेट करने के बाद आईआईटी टीम जानकारी देगी।

स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी नहीं दिख रहे संजीदा
आईराड एप पर पुलिस और परिवहन विभाग तो सूचनाएं दर्ज कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के स्तर से कोई सूचना एप पर नहीं दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को सड़क हादसों के बाद अस्पताल पहुंचने वाले लोगों के बारे में सूचनाएं और पीडब्ल्यूडी को घटनास्थल की जानकारी भरनी थी। हादसे वाले स्थल पर जिस तरह की जानकारी पुलिस भर रही है, उसी तरह से लोक निर्माण विभाग को भी मौके पर पहुंचकर जानकारी भरनी है कि हादसा सड़क की खराबी की वजह से हुआ है या नहीं। इसके लिए फोटो भी अपलोड करना है, लेकिन अभी ऐसा नहीं किया जा रहा है, जबकि दोनों विभागों के लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। डिप्टी सीएमओ डॉ. पवन कपाही ने बताया कि एनआईसी के लोग प्रशिक्षण देने आए थे। सीएचसी, पीएचसी के एमओआईसी को बताया गया था। सूचनाएं क्यों नहीं भरी जा रहीं हैं, इसके बारे में पता करेंगे।

ऑनलाइन होंगी और भी जानकारियां
सूचनाओं के विश्लेषण और एप को अपडेट रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु शर्मा ने बताया कि आईराड एप में चार और स्टेक हाेल्डरों के शामिल होने से सड़क हादसों में शिकार लोगों के बारे में और ज्यादा जानकारियां ऑनलाइन हो सकेंगी। कोर्ट और बीमा से संबंधित जानकारियां भी एप पर अपलोड हो जाएंगी।

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