बदायूं: रिश्वत लेकर मिला प्रधानमंत्री आवास फिर क्यों करें निर्माण कार्य

बदायूं: रिश्वत लेकर मिला प्रधानमंत्री आवास फिर क्यों करें निर्माण कार्य

बदायूं, अमृत विचार : प्रधानमंत्री आवास में अवैध वसूली को लेकर उसावां ब्लॉक पहले ही प्रदेश भर में बदनाम हो चुका है। पात्रों अपात्रों से धनराशि की वसूली को लेकर तकनीकि सहायक, डूडा अधिकारी सहित कई कर्मचारियों पर पहले ही गाज गिर चुकी है। अब एक और मामला उसावां ब्लॉक में सामने आया है। यहां के गांव खेड़ा जलालपुर में 60 लोगों को पीएम आवास का लाभ दिया गया। 

पूरी धनराशि मिलने के बाद भी आवास नहीं बनाया। जिसकी पोल तब खुली जब जांच करने के लिए बीडीओ गांव पहुंचे। बीडीओ ने पूरे प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। साथ ही लोगों को आवास निर्माण कराने को कहा है। चेतावनी दी है कि अगर आवास नहीं बनाया तो संबंधित से रिकवरी की जाएगी। 

ब्लॉक उसावां क्षेत्र के ग्राम खेड़ा जलालपुर में शुक्रवार को खंड विकास अधिकारी मनीष सिंह वर्मा विगत वर्ष में आवंटन हुए प्रधानमंत्री आवासों का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान पता चला कि गांव में करीब 60 ऐसे लोग हैं। जिन्हें पीएम आवास का लाभ मिला है। सभी को तीनों किस्ते भी मिलीं लेकिन आवास का निर्माण न करके उन्हें मिली धनराशि खर्च कर ली है। 

बीडीओ इसके बाद उन्होंने उन सभी लोगों को पंचायत घर पर बुलाकर आवास न बनाने का कारण पूछा। जिस पर पीएम आवास का लाभ लेने वाले लोगों ने बताया कि गांव पर पूर्व में कार्यरत सचिव और एक स्थानीय नेता ने उनसे प्रति आवास पर 20 हजार रुपए रिश्वत ली है। जब उन्हें रिश्वत देकर ही आवास मिला है तो वह आवास क्यों बनाएं। बीडीओ ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। साथ ही लोगों को आवास बनाने के लिए कहा। 

बिना जीओ टैंगिंग कर दे दी गई शेष धनराशि
ग्रामीण पीएम आवास के लिए लाभार्थी को 1.30 लाख रुपये मिलते हैं। जिसमें प्रथम किस्त के तहत लाभार्थी को 70 हजार रुपये दिए जाते हैं। शेष धनराशि लाभार्थी को तब दी जाती है जब वह आवास का ढाचा तैयार कर ले। इसके लिए ब्लॉक का कर्मचारी लाभार्थी को खड़ा करके निर्माणाधीन आवास का फोटो खींचकर संबंधित वेबसाइड पर अपलोड करता है।

 इसके बाद उसे दूसरी और आवास पर लिंटर पड़ने के बाद तीसरी बार जीओ टैगिंग कर शेष बची धनराशि जारी कर दी जाती है। जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवालिया निशान है कि जब पहली किश्त के बाद ही जियो टैंगिंग की जाती है और फिर अगली किश्त मिलती है तो बिना निर्माण शुरू कराए तीनों किश्त कैसे दे दी गई। 

गांव खेड़ा जलालपुर में पिछले वर्ष दिए गए प्रधानमंत्री आवास का निरीक्षण करने गए थे। कुछ लाभार्थी ऐसे मिले जिन्होंने धनराशि लेने के बाद आवास नहीं बनाया है। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। लोगों से आवास बनवाने को कहा है। अगर आवास का निर्माण नहीं कराया गया तो उनसे रिकवरी की जाएगी- मनीष सिंह वर्मा, खंड विकास अधिकारी उसावां

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