पीलीभीत: खाईखेड़ा गोशाला में भी गोवंश की दुर्दशा, बीमार होकर तड़पते रहे...एक मिला मृत

पीलीभीत: खाईखेड़ा गोशाला में भी गोवंश की दुर्दशा, बीमार होकर तड़पते रहे...एक मिला मृत

पीलीभीत, अमृत विचार: देवीपुरा गोशाला में गोवंश की दुर्दशा एवं गोशाला के नाम पर धनराशि के बंदरबांट का मामला अभी थमा नहीं था कि मरौरी ब्लॉक की खाईखेड़ा गोशाला एक बार फिर से चर्चा में आ गई।

सोमवार को कुछ मृत पशुओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो खाईखेड़ा गोशाला का होना बताया। वीडियो में कुछ पशुओं को खुले आसमान में पड़े होना दर्शाया गया। मामला संज्ञान में आने पर सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने तत्काल खंड विकास अधिकारी मृदुला एवं पशु चिकित्साधिकारी न्यूरिया डॉ. दिव्या पाठक को जांच के लिए गोशाला भेजा। 

जांच टीम ने दोपहर करीब 12 बजे गोशाला पहुंचकर जांच की। इस दौरान गोशाला में 76 पशु संरक्षित होना पाया हैं। इसमें छह गोवंश बेहद कमजोर एवं बीमार अवस्था पाए गए। ये तर्क दिया कि इनका उपचार किया जा रहा था। इसमें एक गोवंश की मौत हो गई। मृत गोवंश का शव पशुधन प्रसार अधिकारी की मौजूदगी में पंचनामा भरने के बाद दफना दिया गया। 

जांच के दौरान कुछ पुराने मृत गोवंशों के अवशेषों के दफनाने वाली जगह पर पड़े पाए गए। इनको दफनाने में भी लापरवाही साफ नजर आई। गोशाला की चरनी में मात्र सूखा भूसा पड़ा मिला। हरे चारे की मौके पर कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। गोशाला के शेड के अंदर और आसपास काफी गंदगी और कीचड़ पाई गई। 

जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि गोवंशों के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा, चोकर, गुड़ एवं हरा चारा उपलब्ध नहीं है। जिस कारण गोवंशों में कुपोषण की स्थिति उत्पन्न हो रही है। गोवंशों के लिए पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी बेहद खराब पाई गई। जांच के बाद टीम ने ग्राम प्रधान एवं सचिव की लापरवाही पाते हुए जांच रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी। 

जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्व में हुई घटना के बाद बार-बार निरीक्षण में कमियां पाए जाने पर चेतावनी के बाद भी ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा गोशाला के समुचित रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी वजह यह घटना पुन: सामने आई है।

मामला संज्ञान में आने के बाद टीम को जांच के लिए खाईखेड़ा गोशाला भेजा गया था। जांच टीम की रिपोर्ट पर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्दश जारी किए गए हैं। जांच में ग्राम प्रधान एवं सचिव की लापरवाही सामने आई है- धर्मेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

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