गरीब बच्चों के लिए वरदान होंगे पीएमश्री स्कूल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लखनऊ में तीन दिवसीय प्रशिक्षण पूरा, ये होंगी सुविधायें
अमृत विचार लखनऊ। प्रधान मंत्री स्कूल्स फार राइजिंग इंडिया (पीएमश्री) केन्द्र सरकार की ओर से चयनित 1707 विद्यालयों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। निजी विद्यालयों की तर्ज पर न्यू एजुकेशन पॉलिसी की गाइडलाइन का पालन करते हुए इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसको ध्यान में रखते हुए तीन प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को पूरा हो गया है। ये प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक व प्रधानाचार्यों और एसआरजी को दिया गया है। प्रमुख सचिव बेसिक एम.के. शन्मुगा सुंदरम ने बताया कि इसमें बेसिक और माध्यमिक दोनो ही विद्यालयों को पीएम श्री योजना के तहत चयनित किया गया है।
इसमें बेसिक से बीईओ मुख्यालय, माध्यमिक से सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक और इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये जिले स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि ये विद्यालय गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमश्री केन्द्र सरकार की अत्यंत महत्वकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के 1707 विद्यालयों को निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत इस उद्देश्य के साथ चयनित किया गया है कि इनको राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल सिद्धांतों के अनुरूप अत्याधुनिक अवस्थापना सुविधाओं के साथ विकसित किया जा सके।
प्रशिक्षण के सभी प्रतिभागियों को स्टेट नोडल श्याम किशोर तिवारी और संजीव कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार की ओर से की गई थी। वहीं समापन के मौके पर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल और प्रमुख सचिव बेसिक मौजूद रहे।
प्रमुख सचिव ने कहा बीईओ और प्रधानाचार्यों की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
इस दौरान प्रमुख सचिव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को दिए गए अपने उद्बोधन में पी.एम.श्री. विद्यालयों की मूल संकल्पना पर चर्चा की एवं उन्होंने कहा कि बच्चों को केंद्र में रख कर अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य को प्राप्त करना हमारी प्राथमिकता है जिसे साकार करने में खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय एवं मुख्यमंत्री मॉडल विद्यालयों को भी इसी संकल्पना के आधार पर विकसित किया जाना है। श्रावस्ती जनपद में उनके द्वारा आकस्मिक निरीक्षण के दौरान विद्यालयों के सुचारु रूप से संचालित पाए जाने के संबंध में अपने अनुभव साझा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की गई। उनके द्वारा अंतर्विभागीय कनवर्जेन्स के साथ-साथ सी.एस.आर. फंड को अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करने पर बल दिया।
75 जनपदों से 135 प्रतिभागी हुए शामिल
इस प्रशिक्षण में 75 जनपदों से 135 प्रतिभागी शामिल हुए। जिसमें नैशनल काउंसिल ऑफ एज्युकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लैनिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, लेंड अ हैन्ड, मुक्का मार, शिक्षा लोकम एवं खान अकेडमी संस्थाओं ने प्रशिक्षण दिया है। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, नेतृत्व कौशल, आत्मरक्षा कौशल, शिक्षकों के व्यवहार का बच्चों के मानसिक विकास पर प्रभाव के बारे में बताया गया।