छात्राओं को बताए सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव
शिखर इंस्टीट्यूट में सर्वाइकल कैंसर के संबंध में आयोजित किया गया सेमीनार
बदायूं, अमृत विचार : रामनाथ राम नारायण मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से चल रहे शिखर इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड नर्सिंग में वैक्सीनेशन फॉर प्रिवेंशन ऑफ सर्वाइकल कैंसर के संबंध में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस सेमीनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राजकीय मेडिकल कॉलेज की गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा सरन और जिला महिला अस्पताल की गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. अनामिका वार्ष्णेय ने स्लाइड प्रजेंटेशन के माध्यम से छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण, बचाव, रोकथाम और इलाज के बारे में बताया। कहा कि सर्वाइकल कैंसर के वैश्विक मामलों में भारत का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। यह आमतौर पर 30 से 60 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रभावित करती है। 45 से 49 साल की महिलाओं में यह चरम पर होती है।
डब्ल्यूएचओ ने साल 1996 में एचपीवी को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का प्रमुख कारण घोषित किया है। कहा कि पूर्ण अवधि के गर्भधारण वाली महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और प्रतिरक्षा प्रणाली के दमन के कारण जोखिम अधिक होता है। 20 साल से पहले बच्चे की डिलीवरी, गर्भावस्था के दौरान कम अंतर के साथ एकाधिक बच्चों का जन्म, एसटीडी, एचआईवी संक्रमण वाली महिलाओं में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस से लेकर एचपीवी संक्रमण तक का संक्रमण हो सकता है।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या के रूप सामने आया है। हर वर्ष देश में लगभग 77 हजार महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है। समय रहते चिकित्सक परामर्श से सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है। डिप्टी सीएमओ डॉ. मोहम्मद असलम ने कहा कि इसकी वैक्सीनेशन का सक्सेस रेट 97 प्रतिशत है।
संस्थान के ट्रस्टी किरन थरेजा ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रीति पाल ने संचालन किया। छात्राओं के अलावा उनके अभिभावकों ने भी प्रतिभाग किया। नर्सिंग विभाग की प्रधानाचार्या सारिका सिंह, उपप्रधानाचार्या मनीषा जोसेफ, ज्योति कश्यप, माधवी वर्मा, निदा परवीन, नैना, सुनैना, शिखा वर्मा, निशा शर्मा, सना फातिमा, अभिषेक उपाध्याय, नवनीत ठक्कर आदि उपस्थित रहे।