पीलीभीत: देवीपुरा गौशाला में और तीन गोवंशों की मौत..पशुओं की संख्या को अभी नहीं सुलझा पेंच, तीसरी बार हुई गोवंश की गिनती

पीलीभीत: देवीपुरा गौशाला में और तीन गोवंशों की मौत..पशुओं की संख्या को अभी नहीं सुलझा पेंच, तीसरी बार हुई गोवंश की गिनती

पीलीभीत, अमृत विचार। देवीपुरा गौशाला में मंगलवार को तीसरे दिन भी तीन गोवंशों की मौत हो गई। हालांकि जिम्मेदार इन पशुओं की मौत की वजह शारीरिक रूप से बेहद कमजोर होना और इलाज के बाद भी सुधार न होना बता रहे हैं।

वहीं, गौशाला में आश्रित पशुओं की संख्या को लेकर हुई शिकायत पर दो सदस्यीय टीम ने तीसरी बार पशुओं की गणना की। गणना में पांच पशु कम पाए गए। टीम ने इस पूरे मामले में प्रधान और सचिव की लापरवाही पाते हुए रिपोर्ट सीडीओ सौंप दी है। अब इस मामले में सीडीओ की ओर कार्रवाई की जानी है।

गोवंशों के संरक्षण के लिए बनी देवीपुरा गोशाला अब निराश्रित गोवंशों की कब्रगाह बनती नजर आ रही है। कभी पशुओं की चारा तो कभी गोवंशों की मौत को लेकर गोशाला सुर्खियों में रहती है।

रविवार को अखिल भारत हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि देवीपुरा गौशाला में रात को गोवंशों को बेचा जा रहा है। पशुओं की संख्या कम होने के बावजूद अभिलेखों में संख्या बढ़ाकर दर्शाई जा रही है। इसके अलावा मृत गोवंशों का सही से न दफनाने की भी शिकायत की गई थी। महासभा कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत डीएम और सीडीओ से की थी। सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शिकायत की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए थे।

सीडीओ के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम में शामिल डिप्टी सीवीओ डॉ. लक्ष्मी प्रसाद, खंड विकास अधिकारी मरौरी मृदुला ने सोमवार को गौशाला पहुंचकर आश्रित पशुओं की गणना का प्रयास किया, लेकिन गोवंशों के इधर-उधर घूमने की वजह से उनकी गिनती नहीं हो जा सकी। टीम ने सोमवार शाम को दोबारा गोशाला पहुंचकर रोजगार सेवकों की माध्यम से गोवंशों की गिनती कराई, लेकिन पशुओं की संख्या को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी। हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं का कहना था कि गणना के दौरान 100 से अधिक गोवंश कम पाए गए हैं।

गौशाला में आश्रित पशुओं की संख्या की तस्दीक करने को टीम ने मंगलवार सुबह छह बजे गौशाला पहुंचकर पशुओं की गणना कराई। रोजगार सेवकों के माध्यम से कराई गई गिनती में गौशाला में 916 के सापेक्ष 911 आश्रित गोवंश मौके पर पाए गए। गणना के दौरान पांच पशु कम पाए गए। टीम ने इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान और सचिव अनिल कुमार की लापरवाही पाते हुए रिपोर्ट सीडीओ सौंप दी।

मृत गोवंशों को दफनाने में भी लापरवाही हुई उजागर
सीडीओ के निर्देश पर गठित टीम ने पशुओं की गणना के साथ मृत पशुओं को सही ढंग न दफनाने को लेकर हुई शिकायत की भी जांच की। जांच के दौरान मृत पशुओं को दफनाने में भी लापरवाही उजागर हुई। जांच में पता चला कि मृत गोवंशों को गड्ढों में दफनाने के बाद मिट्टी ही नहीं डाली गई। देवीपुरा गोशाला के पीछे पड़े अवशेषों का फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

लगातार हो रही गोवंशों की मौतें
गौशाला में पिछले कुछ दिन से लगातार गोवंशों की मौत हो रही है। मंगलवार को भी गौशाला में तीन गोवंशों की मौत होना पाया गया। इन पशुओं को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया। इससे पूर्व आठ जून को दो, नौ जून को चार एवं 10 जून को तीन गोवंशों की मौत हुई थी। इन गोवंशों की मौत के पीछे जिम्मेदारों का तर्क है कि देवीपुरा गौशाला में अकसर नगर पालिका और आसपास क्षेत्रों से गंभीर रूप घायल या बीमार गोवंश संरक्षण के लिए लाए जाते हैं, जिनकी इलाज के बाद भी उनके जीवित बचने की संभावना कम रहती है।

डीएम ने लिया संज्ञान, तलब की रिपोर्ट
देवीपुरा गौशाला में मृत गोवंशों के शवों को सही ढंग से निस्तारित न करने और लगातार मिल रही शिकायतों को डीएम संजय कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में सीडीओ को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि डीएम अब स्वयं ही गोशाला प्रकरण को प्राथमिकता पर लेते हुए न सिर्फ जांच कराएंगे बल्कि बदहाली को दूर करने को भी कदम उठाए जाएंगे।  

गठित टीम द्वारा मंगलवार सुबह भी गौशाला पहुंचकर रोजगार सेवकों के माध्यम से गोवंशों की गणना कराई गई। गणना के दौरान अभिलेखों में दर्ज संख्या के सापेक्ष पांच गोवंश कम पाए गए हैं। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की लापरवाही सामने आई है। दोनों को नोटिस भेजा जा रहा है। रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जा रही है - धर्मेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ

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