बुजुर्गों की सुध

बुजुर्गों की सुध

हाल में केंद्र सरकार ने बुजुर्गों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़ा है। सरकार ने योजना का विस्तार करते हुए सत्तर वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को पांच लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाने को मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के तहत देश के छह करोड़ से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों और 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने का अनुमान है।

अच्छी बात यह भी है कि इस बीमा के लिए आय से संबंधित कोई शर्त नहीं रखी गई है। जिन परिवारों को पहले से इस बीमा योजना का लाभ मिल रहा है, उनके बुजुर्गों को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त बीमा सुरक्षा मिलेगी, जिसे उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा।

यहीं नहीं योजना में यह भी प्रावधान किया गया है कि जिन वरिष्ठ नागरिकों को केंद्र सरकार की अन्य बीमा योजनाओं का लाभ पहले से मिल रहा है, उनके पास यह विकल्प होगा कि वे पुरानी बीमा के साथ बने रहें या आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाएं। साथ ही जिन लोगों के पास निजी कंपनियों की बीमा पॉलिसी है या राज्य के कर्मियों के लिए लागू योजनाओं के तहत स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा मिली हुई है,उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी मिलेगा।

सरकार का यह कदम अत्यंत ही सराहनीय और स्वागत योग्य है। इसलिए और भी सराहनीय है, क्योंकि समाज में ऐसे मामले अक्सर देखे जाते हैं, जिसमें किसी बुजुर्ग को बीमारी में उचित इलाज सिर्फ इसलिए नहीं मिल पाता, क्योंकि उनके पास इलाज के लिए जरूरी खर्च का पैसा नहीं होता। ऐसी स्थिति में या तो उन्हें किसी से ऋ ण लेकर अपना उपचार कराना पड़ता है या दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता है।

ऐसे में उचित इलाज न मिल पाने की वजह से उनकी सेहत और खराब होती चली जाती है या इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु हो जाती है। गौरतलब है कि निजी बीमा कंपनियां बुजुर्गों से अधिक प्रीमियम वसूलती हैं। संतानों के दुर्व्यवहार के मामले नियमित रूप से सामने आते रहते हैं, जबकि इसके संबंध में पहले से ही कानून है। राज्य सरकारें जो वृद्धावस्था पेंशन देती हैं, उस मामूली रकम के लिए बुजुर्गों को दफ्तरों और बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

बुजुर्ग अपराध के भी आसान शिकार होते हैं। अध्ययन में खुलासा भी हो चुका है कि अधिकतर बीमार बुजुर्ग अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं। इस गंभीर स्थिति में आर्थिक एवं स्वास्थ्य चुनौती का सामना करने में इस बीमा योजना से बड़ी मदद मिलेगी। निश्चित रूप से बीमा योजना का विस्तार एक सराहनीय निर्णय है।