Kanpur: उर्सला अस्पताल को मिली कार्डियक टेस्ट मशीन, अब आसानी से पता चलेगी दिल की बीमारी

Kanpur: उर्सला अस्पताल को मिली कार्डियक टेस्ट मशीन, अब आसानी से पता चलेगी दिल की बीमारी

कानपुर, अमृत विचार। दिल का सही तरह से काम करना ही स्वस्थ शरीर की पहचान है, लेकिन वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली में जो बदलाव आया है, उस कारण लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा काफी बढ़ गया है। हंसते, खेलते, बोलते, नाचते व गाते समय कई लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जिस संबंध में वीडियो भी वायरल है। ऐसे में उर्सला अस्पताल में आने वाले रोगियों की दिल की जांच कराकर पहले ही पता लगा लिया जाएगा कि हार्ट अटैक की स्थिति तो नहीं बन रही है। 

दरअसल, यह प्रक्रिया तीन से चार दिन में शुरू होने लगती है। उर्सला अस्पताल में बनी कार्डियक यूनिट की ओपीडी में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज दिल की बीमारी से संबंधित परामर्श लेने पहुंचते हैं, जबकि एक सप्ताह में चार से पांच मरीज हार्ट अटैक की स्थिति में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन उर्सला अस्पताल में अभी दिल की प्रारंभिक बीमारी का ही इलाज किया जा रहा है। 

गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को उर्सला अस्पताल से रावतपुर स्थित हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) रेफर कर दिया जाता है। इसकी मुख्य वजह अस्पताल में दिल की बीमारी के इलाज में सहायक पर्याप्त मशीनों का न होना है। उपकरण के संबंध में उर्सला अस्पताल प्रशासन ने शासन को पत्र लिखा था। शासन से करीब एक सप्ताह पहले एचआईए 11000 मशीन उपलब्ध कराई गई है, जो उर्सला में आ गई है। 

उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ.एचडी अग्रवाल ने बताया कि मशीन की मदद से दिल से संबंधित छह टेस्ट हो सकेंगे। इससे डी-डाइमर यानी खून में थक्का जमने की जांच, सीपीआरएमबी यानी हार्ट अटैक आने के लक्षण की जांच, सीआरपी यानी कितना इंफेक्शन है और एचबीए1सी यानी शुगर लेवल समेत आदि की जांच हो सकेगी। अभी तक इन जांचों की सुविधा अस्पताल में नहीं थी। 

ऐसे पनपता है दिल का रोग

उर्सला अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ.पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि दिल का काम होता है, खून और उसके साथ ऑक्सीजन को पंप कर सुचारु रूप से पूरे शरीर में संचारित करते रहना। यानी शरीर के भीतर खून को हर अंग तक पहुंचाने के लिए लगातार काम करना। 

यह स्थिति तब गड़बड़ाने लगती है, जब दिल की इस प्रक्रिया में बाधा आती है। खून और ऑक्सीजन सही तरीके से शरीर में नहीं पहुंचता तो सिर्फ दिल ही नहीं पूरे शरीर की सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है। इसी तरह दिल से संबंधित रोग पनपते हैं। कार्डियक ट्रोपोनिन टेस्ट (ट्रॉप-टी) ऐसी ही स्थिति में मददगार साबित होता है। यह टेस्ट हृदय की मांसपेशियों में होने वाली क्षति का पता लगाता है। हार्ट अटैक की स्थिति का पता चलता है। 

कार्डियक टेस्ट मशीन आ गई है। हार्ट अटैक की स्थिति का पता लगाने के साथ ही मायोकार्डियक इंफेक्शन की भी जानकारी हो सकेगी। जल्द ही मशीन को इंस्टॉल कराकर मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।- डॉ.एचडी अग्रवाल निदेशक, उर्सला अस्पताल

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