Kannauj: सुहागिनों को विधवा बताकर दिलाता पेंशन, बदले में आवेदकों से लेता था इतने रुपये...आरोपी ऐसे हुआ गिरफ्तार
कन्नौज/सौरिख, अमृत विचार। सुहागिनों को कागजों में विधवा बताकर पेंशन दिलाने वाला आरोपी पकड़ लिया गया है। उसकी कई दिनों से तलाश की जा रही थी। बताया गया है कि कई महिलाओं के पति के नाम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। फिर प्रोबेशन विभाग से मिलने वाली निराश्रित महिला पेंशन के आवेदन भी करा दिए गए। आवेदकों से तीन-तीन हजार रुपये की वसूली भी हुई। आरोपी को पकड़कर रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
विकास भवन स्थित जिला प्रोबेशन कार्यालय के बाबू पवन कुमार ने थाना सौरिख में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें नगला वीरभान निवासी धर्मपाल यादव को नामजद किया गया है। आरोप है कि धर्मपाल फर्जी तरीके से अपात्रों से विधवा पेंशन दिलाने के लिए तीन-तीन हजार रुपये लेता है। कई अपात्र महिलाओं के ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं।
इनके पति जीवित हैं लेकिन उनको कागजों में मृत दिखा दिया गया है। कूटरचित अभिलेख तैयार कर धर्मपाल यादव फर्जीवाड़ा करता है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत धारा 319 (2), 318 (4), 338, 336 (3) व 340 (2) के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। मामले की जांच एसआई संतोष सिंह चंदेल को दी गई है।
इनके कराए आवेदन
जानकारी के मुताबिक नगला बक्षा निवासी सन्नो देवी के पति रघुनाथ जीवित हैं लेकिन इनका आवेदन कराया गया। इसी गांव की सुनीता देवी के पति हीरा लाल, आलम शाह पुर्वा निवासी पुष्पा देवी के पति शिशुपाल व इसी गांव की शशि कला के पति नरेश चंद्र और नगला बक्षा निवासी ममता देवी के पति राजू जीवित हैं। इनके भी ऑनलाइन आवेदन कराकर पेंशन स्वीकृत कराई गई है।
ग्रामीणों ने यह लिखकर दिया
नगला बक्स कंसुआ निवासी अजय कुमार व शिशुपाल की ओर से जिला प्रोबेशन अधिकारी को शिकायती पत्र दिया गया। इसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत कंसुआ में धर्मपाल यादव निवासी नगला वीरभान ने कई महिलाओं के निराश्रित महिला पेंशन के आवेदन कराए हैं।
इसमें उनकी माता का भी आवेदन कराया गया है। इसके अलावा सन्नो देवी, पुष्पा देवी, शशिकला व ममता के आवेदन कराए गए। महिलाओं की पेंशन पति के गलत मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बंधवाई गई हैं। आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही महिलाओं की पेंशन बंद कराई जाए।
इस तरह पकड़ा गया आरोपी
बताया गया है कि मामले की जानकारी होने पर प्रोबेशन विभाग के कुछ कर्मी इसके खुलासे में लगाए गए। योजना के तहत कर्मियों ने आरोपी को यह कह ब्लैकमेल किया कि आवेदकों से वसूली कर रहा है तो उनको भी कुछ हिस्सा चाहिए।
अगर नहीं दिया तो पेंशन स्वीकृत नहीं होगी। इसके बाद आवेदकों के पास पहुंचकर भी आरोपी के बारे में जानकारी जुटाई गई। एक आवेदक ने इस मामले में जानकारी दी तो आरोपी को पकड़ लिया गया।
पात्रों को अपात्र व अपात्रों को पात्र बनाने पर बख्शे नहीं जाएंगे। फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजा जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। किसी भी पात्र का हक नहीं मारा जाएगा। विधवा पेंशन के मामले में आरोपी पर भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसे न्यायालय से जेल भेजा गया है। - राम कृपाल चौधरी, सीडीओ