MJPRU: प्रो. जेटली की पेंशन-जीपीएफ राशि रोकने पर कमिश्नर ने वित्त अधिकारी से मांगी रिपोर्ट, जानिए पूरा मामला

MJPRU: प्रो. जेटली की पेंशन-जीपीएफ राशि रोकने पर कमिश्नर ने वित्त अधिकारी से मांगी रिपोर्ट, जानिए पूरा मामला

बरेली, अमृत विचार: रुहेलखंड विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर एके जेटली की पेंशन का 20 प्रतिशत और जीपीएफ राशि रोकने के मामले में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने वित्त अधिकारी को जरूरी निर्देश देने के लिए शासन को लिखा है। इसके साथ विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी है।

इस मामले में कुलपति के खिलाफ प्रो. जेटली की शिकायत के बाद कमिश्नर ने अपर आयुक्त वित्त से मामले की जांच कराई थी। उधर, विश्वविद्यालय ने प्रो. जेटली आरोपों को गलत बताते हुए कोर्ट के आदेश पर उनकी पेंशन और जीपीएफ रोकने की बात कही है।

सरस्वती विहार निवासी प्रो. एके जेटली ने 12 मार्च को कमिश्नर से शिकायत की थी कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है जिसमें उन्हें अभी कोई दंड नहीं दिया गया है। इसके बावजूद रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने नियमविरुद्ध ढंग से उनकी 20 प्रतिशत पेंशन और जीपीएफ की धनराशि रोक दी है। कमिश्नर ने इस शिकायत पर अपर आयुक्त वित्त से जांच कराई।

अपर आयुक्त ने 22 अप्रैल को रिपोर्ट दी कि कुलपति ने 24 दिसंबर 2021 को जीपीएफ के पूर्ण और अनंतिम पेंशन के 80 प्रतिशत के मासिक भुगतान की स्वीकृति दी। जीपीएफ के ब्याज की धनराशि और 20 प्रतिशत पेंशन का अंश किन परिस्थितियों में रोका गया, यह साफ नहीं है। विश्वविद्यालय की इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकता है।

इसके बाद कमिश्नर ने 9 मई को विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी को प्रो. जेटली की पेंशन और जीपीएफ रोकने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है और इसका कारण स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा को भी पत्र लिखकर से विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी को इस मामले में कार्यवाही के लिए निर्देश देने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा है।

प्रोफेसर खुद को बचाने के लिए बना रहे दबाव
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि प्रो. जेटली ने 27 अप्रैल को कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए आईजीआरएस पर शिकायतें की थीं। इसमें उन पर पंतनगर विश्वविद्यालय से अवकाश स्वीकृत न होने के बावजूद कुलपति बने रहने, प्रोफेसरों और कर्मचारियों की नियुक्तियों में गड़बड़ी, गोपनीय कार्य के लिए 50 करोड़ रुपये लेकर समायोजित न करने जैसे कई आरोप थे। विश्वविद्यालय के आईजीआरएस प्रभारी की ओर से दिए जवाब में प्रो. जेटली के सभी आरोपों को गलत बताया गया। 

कहा गया कि प्रो. जेटली 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह अकादमिक और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के बाद नौ महीने निलंबित रहे। तत्कालीन कुलपति की ओर से नामित जांच अधिकारी (एचजेएस) जिला जज की रिपोर्ट में पाया गया कि प्रो. जेटली ने दो शोध बिना प्रकाशित किए गलत प्रोन्नति ली।

हाईस्कूल के अंकों में हेराफेरी के साथ क्रीड़ा विभाग में जिम के लिए सामान खरीद में भी गड़बड़ी की। डॉ. अमित ने बताया कि प्रो. जेटली हाईकोर्ट गए थे। कोर्ट के आदेश पर ही पेंशन और जीपीएफ राशि रोकी गई है। राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कुलपति की कोर्ट में मामला विचाराधीन है।

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