अदालत का फैसला : हत्या के तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा, अर्थ दण्ड से भी दंडित

अदालत का फैसला : हत्या के तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा, अर्थ दण्ड से भी दंडित

बलरामपुर अमृत विचार। अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश भारद्वाज ने हत्या के मामले में तीन लोगो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दोषियों को 1 लाख 20 हजार रुपए के अर्थ दण्ड से भी दण्डित किया है। अर्थ दण्ड में से एक लाख रुपए मृतक के पुत्र को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश न्यायाधीश ने दिया है।  

  कोतवाली गैसड़ी के ग्राम मझौली सुगाव निवासी अभय कुमार वर्मा ने 16 जून 2020 को मुकदमा लिखाने का प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि  बाग की रखवाली करते समय मेरे पिता धर्मपाल की 15 जून 2020 की रात में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है, लाश बाग में ही पड़ा है। पुलिस ने मुकदमा लिखकर जांच शुरू की। जांच में प्रकाश में आया कि गांव के ही कन्हैयालाल ने धर्मपाल का फर्जी हस्ताक्षर बना कर बैक से रुपया निकाल लिया था। जिसकी शिकायत धर्मपाल ने की थी इसी से नाराज़ होकर कन्हैयालाल ने अपने सहयोगी इकरार और मुन्ना के साथ मिलकर 15 जून 2020 की रात में धर्मपाल की हत्या कर दी।  

जांच के बाद विवेचक ने कन्हैया पर हत्या सहित धोखाधड़ी करने और थाना लालिया के रईस    पुरवा निवासी भूरे उर्फ़ इकरार और मुन्ना के खिलाफ हत्या की धारा में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। सत्र परिक्षण के दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नवीन कुमार तिवारी ने 8 गवाहों को न्यायालय में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद न्यायधीश ने कन्हैया लाल को हत्या और धोखाधड़ी करने का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 70 हजार रूपये अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने इकरार और मुन्ना को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25-25 हज़ार रुपए अर्थ दण्ड की सजा सुनाई। अर्थ दण्ड अदा ना करने पर कन्हैयालाल को साढ़े चार वर्ष और इकरार व मुन्ना को एक -एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

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